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________________ २८४६ गगवती मूत्र-श. २० उ ५ परमाणु पुद्गल के वर्णादि स्निग्ध, १४ शीत और रूक्ष, १५ उष्ण और स्निग्ध या १६ उष्ण और रूक्ष होता है । इस प्रकार परमाणु पुदगल में वर्ण के पाँच, गन्ध के दो, रस के पांच और स्पर्श के चार, ये सभी मिल कर सोलह भंग होते हैं। २ प्रश्न-दुप्पएसिए णं भंते ! खंधे कइवण्णे० ? २ उत्तर-एवं जहा अट्ठारसमसए छट्ठद्देसए जाव 'सिय चउफासे पण्णत्ते' । जइ एगवण्णे सिय कालए जाव सिय सुकिल्लए, जइ दुवण्णे सिय कालए य णीलए य १, सिय कालए य लोहियए य २, सिय कालए य हालिदए य ३, सिय कालए य सुकिल्लए य४, सिय णीलए य लोहियए य ५, सिय णीलए य हालिद्दए य ६, सिय णीलए य सुकिल्लए य ७, सिय लोहियए य हालिदए य ८, सिय लोहियए य सुकिल्लए य ९, सिय हालिदए य सुकिल्लऐ य १०॥ एवं एए दुयासंजोगे दस भंगा। जइ एगगंधे सिय सुब्भिगंधे १, सिय दुन्भिगंधे य २, जइ दुगंधे सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य । रसेसु जहा वण्णेसु । जइ दुफासे सिय सीए य णि य, एवं जहेव परमाणुपोग्गले ४ । जइ तिफासे सव्वे सीए देसे णिधे देसे लुक्खे १, सव्वे उसिणे देसे णिधे देसे लुक्खे २, सब्वे णिधे देसे सीए देसे उसिणे ३, सत्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे ४ । जइ चउफासे देसे सीए देसे उसिणे देसे णिधे देसे लुक्खे १, एए णव भंगा फासेसु । भावार्थ-२ प्रश्न-हे भगवन् ! द्विप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्णादि वाला होता है, इत्यादि प्रश्न ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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