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________________ २७९६ भगवती सूत्र-श. १९ उ. ४ नैरयिक के महावादि चतुष्क ८ उत्तर-णो इणठे समटे । भावार्थ-५ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक महास्रव, अल्पक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं ? ५ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है । ६ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव महास्रव, अल्पक्रिया, महावेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं ? ६ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है। ७ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव महास्रव, अल्पक्रिया, अल्पवेदना .. और महानिर्जरा वाले हैं ? ७ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है। ८ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव महास्रव, अल्पक्रिया, अल्पवेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं ? ८ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है। ९ प्रश्न-सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा महाकिरिया महावेयणा महाणिजरा ? ९ उत्तर-णो इणठे समठे । १० प्रश्न-सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा महाकिरिया महावे. यणा अप्पणिजरा ? १० उत्तर-णो इणढे समटे । ११ प्रश्न-सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा महाकिरिया अप्पवेयणा महाणिजरा ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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