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________________ भगवती मूत्र-श. ८ उ. ६ क्रिया १४०९ प्रकार यावत् वैमानिक देवों तक जानना चाहिये । परन्तु मनुष्य का कथन औधिक जीव की तरह जानना चाहिये। . २० प्रश्न-हे भगवन् ! एक जीव बहुत औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाला होता है ? २० उत्तर-हे गौतम ! कदाचित तीन क्रिया वाला, कदाचित् चार क्रिया वाला और कदाचित् पांच क्रिया वाला होता है । तथा कदाचित् अक्रिय (क्रिया रहित) भी होता है । - २१ प्रश्न-हे भगवन् ! एक नरयिक जीव, दूसरे जीवों के औदारिक शरीरों की अपेक्षा कितनी क्रिया वाला होता है ? . २१ उत्तर-हे गौतम ! जिस प्रकार प्रथम दण्डक (सूत्र १८ में) कहा गया है, उसी प्रकार सभी दण्डक कहना चाहिये, यावत् वैमानिक पर्यन्त कहना चाहिये । परन्तु मनुष्यों का कथन औधिक जीवों की तरह जानना चाहिये। २२ प्रश्न-जीवा णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ? २२ उत्तर-गोयमा ! सिय तिकिरिया, जाव सिय अकिरिया । २३ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! ओरालियसरीराओ कइकिरिया ? २३ उत्तर-एवं एसो वि जहा पढमो दंडओ तहा भाणियव्वो, जाव वेमाणिया, णवरं मणुस्सा जहा जीवा । २४ प्रश्न-जीवा णं भंते ! ओरालियसरीरेहिंतो कइकिरिया ? २४ उत्तर-गोयमा ! तिकिरिया वि, चउकिरिया वि, पंचकिरिया वि, अकिरिया वि। __२५ प्रश्न-णेरइया णं भंते ! ओरालियसरीरेहितो कइकिरिया ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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