SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 285
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १३४८ भगवती सूत्र-श. ८ उ. २ योग उपयोगादि में ज्ञान अज्ञान कठिन शब्दार्थ सलेस्सा-जिसमें कृष्णादि छह लेश्या में की कोई लेझ्या हो, अलेस्सा-लेश्या रहित, सकसाई-क्रोधादि चार कषाय युक्त, सवेयगा-स्त्री, पुरुष और नपुंसक वेद-भावयुक्त । भावार्थ-९४ प्रश्न-हे भगवन् ! सयोगी जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? ९४ उत्तर-हे गौतम ! उनका कथन सकायिक जीवों (सूत्र ३८) के समान जानना चाहिये । मनयोगी, वचनयोगों और काययोगी जीवों का कथन भी इसी तरह जानना चाहिये । अयोगी अर्थात् योग रहित जीवों का कथन सिद्धों (सूत्र ३०) के समान जानना चाहिये । ९५ प्रश्न-हे भगवन् ! सलेशी जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? ९५ उत्तर-हे गौतम ! उनका कथन सकायिक जीवों (सूत्र ३८) के समान जानना चाहिये। ९६ प्रश्न-हे भगवन् ! कृष्णलेशी जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? ९६ उत्तर-हे गौतम ! उनका कथन सेन्द्रिय-जीवों (सूत्र ३५) के समान जानना चाहिये । इसी प्रकार नीललेश्या, कापोतलेश्या, तेजोलेश्या और पदम लेश्या वाले जीवों का कथन जानना चाहिये । शुक्ललेश्या वाले जीवों का कथन सलेशी जीवों (सूत्र ९५) के समान जानना चाहिये । और अलेशी जीवों का कथन (सूत्र ३०) को तरह जानना चाहिये । • ९७ प्रश्न-हे भगवन् ! सकषायी जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? ९७ उत्तर-हे गौतम ! उनका कथन सेन्द्रिय जीवों (सूत्र ३५) के समान जानना चाहिये । इसी प्रकार क्रोध-कषायी, मान-कषायी, मायाकषायी और लोमकषायी जीवों के विषय में भी जान लेना चाहिये । ९८ प्रश्न-हे भगवन् ! अकषायो जीव ज्ञानी हैं, अज्ञानी हैं ? ९८ उत्तर-हे गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं । उनमें पांच ज्ञान भजना से पाये जाते हैं। ____ ९९ प्रश्न-हे भगवन् ! सवेदक (वेद सहित) जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy