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________________ - भगवती सूत्र-श. ८ उ. २ ज्ञान दर्शनादि लन्धि गाणी-केवलणाणी । सोइंदियलद्धिया णं जहा इंदियलद्धिया। ८८ प्रश्न-तस्स अलद्धियाणं पुच्छा। .८८ उत्तर-गोयमा ! गाणी वि अण्णाणी वि । जे णाणी ते अत्थेगइया दुग्णाणी, अत्थेगइया एगणाणी। जे दुण्णाणी ते आभिणिवोहियणाणी, सुयणाणी। जे एगणाणी ते केवलणाणी। जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी, तं जहा-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य । चक्विंदिय-घाणिदियाणं लद्धी अलद्धी य जहेब सोइंदियस्स । जिभिदियलद्धियाणं चत्वारि णाणाई, तिण्णि य अण्णाणाणि भयणाए। तर, ८९ प्रश्न-तस्स अलद्धियाणं पुच्छा। ८९ उत्तर-गोयमा ! गाणी वि अण्णाणी वि । जे णाणी ते णियमा एगणाणी केवलणाणी।जे अण्णाणी ते णियमा दुअण्णाणी, तं जहा-मइअण्णाणी य सुयअण्णाणी य । फासिंदियलद्धिया अलदिया जहा इंदियलद्धिया य अलद्धिया य। ___भावार्थ-८६ प्रश्न-हे भगवन् ! इन्द्रिय-लन्धि वाले जीव ज्ञानी है, या भज्ञानी ? ८६ उत्तर-हे गौतम ! उनमें चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना सेपाये जाते हैं। ८७ प्रश्न-हे भगवन् ! इन्द्रिय लब्धि रहित जीव ज्ञानी है, या अज्ञानी ? ८७ उत्तर-हे गौतम ! वे ज्ञानी है, अज्ञानी नहीं। वे नियम से Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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