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________________ Jain Education International साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर निर्मित पूर्णिमागधीय गुरु-शिष्य परम्परा सदिवसूरि १६८ विजयसिंहमूरि चनमसूरि (वि०सं० ११४५/५९ पूर्णिमा के प्रवर्तक) धर्मघोबसूरि समन्तभद्रसूरि देवसूरि समुद्रचोपरि यशोधोवसरि पद्रेश्वरसूरि तिलकामसूरि मुनिप्रभसरि बीयपसूरि मुनिरलसूरि (वि०सं० १२२५ अममस्वामिचरित मझकाव्य) हेमप्रभसूरि (वि०सं० १२४३ प्रश्नोत्तरत्नमाला) विमलमणि (वि०सं० १९८१ | दर्शनशुद्धिवृत्ति शिवामसूरि विदरपरि देवमसूरि (वि०स० १२२४) | दर्शनशुविहदान) श्रीतिलकसरि बिनदतसार (वि०सं० १२६१ प्रत्येकमुबचरित) शांतिपदार सर्वदेवसरि अजितप्रभसरि (वि०सं० १३०७ में शांतिनाथचरित के कर्ता) सोमप्रभरि धर्मप्रभसरि रत्नामसरि For Personal & Private Use Only अपयप्रमसूर रत्नप्रभसूरि चन्द्रसिंहमूरि । रत्नप्रभसूरि हेमतिलकसरि देवसिंहसूरि कमलप्रभसूरि (वि०सं० १३५२ हेमरत्नसरि पथतिलकसरि पुण्डरीकचारत के रचनाकार) । श्रीतिलकसरि रत्नशेखरसूरि देवचन्द्रसूरि सर्वाणदसूरि रत्नसागरसूरि पत्रपरि (वि.सं. १४८०-१४८५ प्रतिमालेख) । गुणसागरसूरि देवानन्दसूरि (वि०सं० १४८३-१५११ प्रतिमालेख) (वि०सं० १४५५ में क्षेत्रसमासवृत्ति के कर्ता) गुणसमुद्रसरि सत्यरावगणि गुणधीरसूरि सुमतित्रपरि (वि०सं० १५१४ में (वि०सं० १५१६-१५३६, प्रतिमालेख) श्रीपालचरित के रचनाकार) पुण्यरत्मसूरि (वि०सं० १५१२-१५३६ प्रतिमालेख) बृहद्गच्छ का इतिहास सुमतिरत्नसूरि www.jainelibrary.org उदवसमुद्रसरि (वि०सं० १५८० में पूर्णिमागच्छगुर्वावली के रचनाकार)
SR No.004033
Book TitleBruhad Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherOmkarsuri Gyanmandir Surat
Publication Year2013
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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