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________________ 11.8 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। प्रश्न क्र. उत्तर सन्दर्भ पृ. क्र. विकल्प- अल्प- ठीक-© अच्छा-® बहुत अच्छा पूर्ण-७ क्या आप भोगोपभोग की अवधारणा से परिचित हैं? 2) क्या आप उपभोक्ता-संस्कृति को जानते हैं? क्या आप जीवन में सन्तुलित भोगोपभोग को महत्त्व देते हैं? 4) क्या आप उपभोक्ता-संस्कृति के दुष्परिणामों को जानते हैं? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित्- कभी-कभी-® अक्सर-@ हमेशा-७ क्या आप अशुभ-भोगोपभोग को मर्यादित करने का प्रयास करते हैं? क्या आप स्पर्शादि इन्द्रियों एवं मन के विषयों को आधार बनाकर भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए वस्तुओं का सम्यक् विश्लेषण करते हैं? क्या आप नैतिक मूल्यों के आधार पर भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए वस्तुओं का सम्यक विश्लेषण करते हैं? 8) क्या आप भोगोपभोग-प्रबन्धन के लिए आवश्यक और अनावश्यक वस्तुओं का सम्यक् निर्णय करते हैं? विकल्प- हमेशा-0 अक्सर- कभी-कभी-3 कदाचित-@ कभी नहीं-७ 9) क्या आपके आय-साधनों में विकृति रहती है? 10) क्या आप में भावात्मक-संकीर्णता रहती है? 11) क्या आप समय और ऊर्जा की बर्बादी करते हैं? क्या आप अनुकूलन की क्षमता का ह्रास करते हैं? 13) क्या आप शुभ-भोगोपभोग करते हैं? 14) क्या आप शुद्ध-भोगोपभोग करते हैं? 15) क्या आप सुविधादायी वस्तुओं का भोगोपभोग करते हैं? 16) क्या आप प्रतिष्ठादायी वस्तुओं का भोगोपभोग करते हैं? 17) क्या आप विलासिताओं का भोगोपभोग करते हैं? 18) क्या आप अनुपयोगी वस्तुओं का भोगोपभोग करते हैं? विकल्प- नहीं- हाँ-0 19) क्या आपकी मान्यता में अशुभ-भोगोपभोग से सुखाभास है? 20) क्या आपकी मान्यता में अशुभ-भोगोपभोग से दुःख ही दुःख है? 12) 20 22. कुल कुल 0-2021-40 41-60 61-80 . 81-100 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतर अल्पतम जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 38 650 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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