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________________ 20 3.9 स्वमूल्यांकन एवं प्रश्नसूची (Self Assessment : A questionnaire) कृपया सही विकल्प का चुनाव कर उसका नम्बर नीचे प्रश्नसूची में भरें। म प्रश्न विकल्प- अल्प-0 ठीक-ॐ अच्छा-® बहुत अच्छा-@ पूर्णG 1) क्या आप शिक्षा के स्वरूप को जानते हैं? 2) क्या आप जीवन में शिक्षा को महत्त्व देते हैं? 3) क्या आप आधुनिक शिक्षाप्रणाली की विशेषताओं को जानते हैं? 4) क्या आप आधुनिक शिक्षाप्रणाली की विसंगतियों को जानते हैं? 5) क्या आपके व्यक्तित्व का सर्वागीण विकास हुआ है? 6) क्या आपने आध्यात्मिक-शिक्षा ग्रहण की है? 17) क्या आपने शिक्षा के विविध आयामों का विकास किया है? विकल्प- नहीं- हाँ-० 8) क्या आप आजीविका के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं? 9) क्या आप प्रलोभन के कारण शिक्षा ग्रहण करते हैं? (10) क्या आप सामाजिक पहचान के लिए शिक्षा ग्रहण करते है? 11) क्या आप अहंकार के पोषण के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं? 112) क्या आप चतराई सीखने के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं? 13) क्या आप विवाह सम्बन्ध में आसानी के लिए शिक्षा ग्रहण करते हैं? 114) क्या आप लोकाचार के कारण शिक्षा ग्रहण करते हर 15) क्या आप दूसरों के दबाव के कारण शिक्षा ग्रहण करते हैं? 16) क्या आप मौज-मस्ती के लिए शिक्षा ग्रहण करते 17) क्या आप आधुनिक बनने के शौक से शिक्षा ग्रहण करते हैं? 18) क्या भविष्य के भोगपरक स्वप्नों को पूरा करने के लिए शिक्षा ग्रहण क विकल्प- नहीं-© हाँ-७ [10) क्या आपकी शिक्षा असन्तुलित है? 20) क्या आपकी शिक्षा असमग्र है? 20 क्या आपकी शिक्षा असमन्वित है? विकल्प- कभी नहीं-0 कदाचित- कभी-कभी-9 अक्सर- हमेशा-७ (22) क्या आप वाचना, पृच्छना आदि द्वारा शिक्षा ग्रहण करते हैं? 23) क्या आपकी शिक्षा अनुभूति तक पहुँचती है? 24) क्या आप अभिमानरहित होकर शिक्षा ग्रहण करते 25) क्या आप शिक्षकों का विनय करते हैं? 22 223 23 23 24 -24 24 125 31 2532 1250 56 20-25 26-5051-7570-100101-125 वर्तमान में प्रबन्धन का स्तर अल्प ठीक अच्छा . बहुत अच्छा पूर्ण भविष्य में अपेक्षित प्रबन्धन अत्यधिक अधिक अल्प अल्पतरअल्पतम जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 64 178 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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