SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तेज हो चाहे ठण्डी, कोई भी पानी तभी तक उबलता है जब तक तुम अपने आप में आग बनते हो। तुम अगर अपने आप में सरोवर बन जाओ तो अंगारे को उसमें गिरकर बुझना ही होगा। यदि हमारे कारण हमारे घर में कलुषित और दूषित वातावरण बनता है तो मानकर चलना कि दो में से एक आदमी सरोवर न बन पाया। तुम शीतल बन जाओ तो सूरज को भी ठण्डा होना पड़ता है। _ शांति और आनन्द पाने के लिए न तो हर किसी व्यक्ति को हिमालय की गुफा में जाना पड़ता है और न ही चाइना की दीवार देखने या सिंगापुर घूमने की जरूरत पड़ती है। अगर होंगकोंग, बैंकोक घूमने से ही आनन्द मिलता हो तो भाई हर आदमी तो रोज-रोज होंगकोंग या बैंकाक नहीं जा सकता है। लेकिन आनन्द तो हर रोज लिया जा सकता है। आनन्द लेने के लिए ज़रूरी नहीं है कि तुम अपनी पत्नी को हर समय गले ही लगाए रखो। आनन्द पाने के लिए तो ढेर सारे साधन हैं। नीले आकाश को देखो, तुम्हें आनन्द मिलना शुरू हो जाएगा। सुबह की सुनहरी धूप को देखो तुम्हें आनन्द मिलेगा। अपने ही घर में जो छोटा-सा पोता या पोती है, उस शिशु के चेहरे की किलकारी को देखो तो तुम्हें उससे भी आनन्द और सुकून मिलना शुरू हो जाएगा। आनन्द तो तुम्हारा फैसला है, लेना चाहो तो दीवारों को देख करके आनन्द ले सकते हो, लेना चाहो तो अपने आप से आनन्द ले सकते हो, किसी अपाहिज़ को अपने पास से गुजरते वक्त देखा तो बोध हो आया, भगवान ! तेरी लाख-लाख शुक्रगुजारी। अरे! तूने उसे तो वंचित रख दिया मुझे तो तूने सारे अंग दिये हैं। तुम अपाहिज़ को देखकर भी अपने लिए प्रभु के प्रति शुक्रगुजारी अदा करने का आनंद ले सकते हो। आनन्द लेना है तो अपनी इस मरणधर्मा काया का भी आनन्द ले सकते हो। अरे, और तो और, अपनी आती-जाती साँसों का अनुभव करते हुए उनका भी आनन्द ले सकते हो। आनन्द तो आदमी की मानसिकता है। सुखदु:ख ये दोनों मानसिकताएँ हैं। दुःख के वातावरण में भी सुख लिया जा मन में चलाइए शांति का चैनल Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003959
Book TitleShanti Pane ka Saral Rasta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy