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________________ देना होगा । जब हम भोजन करते है तो हमारे लिए इतना काफी नहीं है कि हमें कितना खाना चाहिए वरन् इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि हमें क्या खाना चाहिए। ज़्यादा गरिष्ठ भोजन घी, तेल की तली हुई चीजें अथवा बाजारू चाट पकौड़ी चाय, कचौरी, समोसों को खाने से परहेज़ रखना चाहिए। हमेशा ताजा भोजन, सात्विक भोजन पर ही ध्यान देना चाहिए। सुबह खाली पेट ब्रेड, खाखरा, परोठे या चाय जैसी चीजों को लेने की बजाय हमें रात को भिगोकर रखे हुए पन्द्रह बादाम खाने चाहिए। डेढ़ पाव गाय का दूध पीना चाहिए। और आहार की आवश्यकता हो तो हमें दूध दलिया जैसी चीजों का उपयोग करना चाहिए। समय पर भोजन लेना चाहिए। भोजन में रोटी, दाल सब्जी, चावल के अलावा सब्जी सलाद और दही का उपयोग करना चाहिए। दोपहर में एक वक्त फल अथवा फलों का रस भी लेना चाहिए। देर रात तक खाने की आदत से बचना चाहिए, अन्यथा गैस्टिक प्रॉब्लम हो सकती है जो कि मानसिक बीमारी का प्रमुख कारण है। हमें अपने घर में ऐसा चार्ट अवश्य रखना चाहिए जिसमें किस भोजन में कितना विटामिन प्रोटीन और खनिज पदार्थ होता है। इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हो ताकि हमें भोजन में जिन-जिन पोषक तत्वों को लेना चाहिए, हम ले सकें। मूंग, बादाम, पनीर, हरी सब्जियां, फलों का रस, ब्राह्मी पत्ती, शंखपुष्पी, गाय का दूध और सिर में गाय के घी की मसाज, मानसिक आरोग्य के लिए विशेष लाभदायी हैं । दूसरा उपाय : प्रतिदिन योग और व्यायाम कीजिए। योग और व्यायाम जीवन को गतिशील बनाते है । शरीर और दिमाग की जकड़न और तनाव को दूर करते है । रोगों पर अंकुश लगाते है। रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते है | हमारी ऊर्जा ओज और उत्साह को बढ़ाते है । सुबह टहलना, जॉगिंग करना, दौड़ लगाना, एक सीधा सरल सुलभ व्यायाम है। यदि आप सातों दिन प्रतिदिन आधे घंटा टहलने के Jain Education International 89 For Personal & Private Use Only 4 www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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