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________________ । सामने वाली दुकान पर ग्राहक ज्यादा पहुंचते हैं तो इसका कारण उस दुकानदार के माल की केवल बेहतरता नहीं है। सच्चाई तो यह है कि उसकी मुस्कान और उसकी सलीके वाली भाषा ग्राहक के दिलों में खुद-ब-खुद जगह बना लेती है। निश्चय ही आप अपनी भाषा को ठीक कीजिए और समस्याओं से निजात पाइये। हमेशा इस बात को याद रखिए कि जो काम । सुई से निपट सकता है उसके लिए तलवार चलाना मूर्खता है और जो काम रूमाल से निपट सकता है, उसके लिए रिवॉल्वर चलाना बेवकूफी है। कहते हैं : एक पुलिस इंसपेक्टर को किसी दंगे वाले इलाके में दौरा करना पड़ा। लोगों में इतनी उत्तेजना थी कि इंसपेक्टर को सामने देखते ही सबने उसे घेर लिया। सब आमने-सामने हो गए। किसी युवक को इतना गुस्सा आया हुआ था कि उसने इंसपेक्टर के मुंह पर जोर से थूक डाला। यह देखते ही हवलदार ने अपनी रिवॉल्वर निकाल ली और जैसे ही उस युवक को शूट करने लगा कि तभी इंसपेक्टर ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उस हवलदार को रोका और पूछा, 'क्या तुम्हारी जेब में रूमाल है ?' हवलदार ने 'यश सर' कहते हुए झट से अपनी जेब से रूमाल निकाला और इंसपेक्टर को थमा दिया। इंसपेक्टर ने उस रूमाल से अपने गाल पर लगा हुआ पीक पौंछा और रूमाल को पास में ही बह रहे गंदे पानी की नाली में फेंक दिया। हवलदार ने पूछा, 'सर, यह क्या?' ___ इंसपेक्टर मुस्कुराया और कहने लगा, 'भई, जीवन भर याद रखो जो काम किसी रूमाल से निपट सकता है उसके लिए रिवॉल्वर चलाना बेवकूफी है।' ___ यह है आदमी की समझदारी । जिसके मुंह में मधुर वचन का अमृत है, हाथों में दान का अमृत है और हृदय में दया का अमृत है, वह इंसान तो सहज ही सबको प्रिय हआ करता है। बुद्धि की सार्थकता तभी है जब हम उससे तत्व-चिंतन करें, धन की सार्थकता तभी है जब हम उससे गरीबों की मदद करें और वाणी की धन्यता तभी है जब हम उसे प्रीतिकर 71 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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