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________________ R पहला ही हुक्म दिया, जाओ और मेरे लिए शाही भोजन का इन्तजाम करो। आदमी के हुक्म देने की देर थी कि पलक झपकते ही उसके सामने बेहतरीन लज़ीज़ खाना तैयार था। जैसे ही खाने पर उसकी नजर पड़ी कि जिन्न ने कहा नया हुक्म दीजिए मेरे आका, खाली बैठना मेरी फितरत नहीं है। ___ आदमी ने कहा जाओ, मेरे और मेरे परिवार के लिए शाही कपड़े और ज़ेवरात ले आओ। जिन्न गायब हुआ। आदमी जैसे ही खाना खाने को तत्पर हुआ कि तभी जिन्न ने हाजिर होकर कहा, हो गया हुजूर आपका काम, नया हुक्म दीजिए। जिन्न के चमत्कारों को देखकर आदमी आश्चर्यचकित हो गया उसने पहला कौर मुंह में डालते हुए कहा, जाओ और मेरे लिए शानदार शाही महल तैयार करो। हां, ध्यान रखना उसमें दास-दासियाँ भी हों, महल की सुरक्षा के लिए सैनिक भी हों, नक्काशी ऐसी हो कि मानों हैदराबाद के निज़ाम का महल हो, और विशाल इतना हो जैसे कि दिल्ली का लालकिला। ___आदमी अभी खाना पूरा भी न कर पाया था कि जिन्न दुबारा हाजिर हो गया और उसने कहा अब क्या करूँ हुजूर। इस बार आदमी चकराया क्योंकि उसे पता था कि जिन्न को अगला काम न बताया गया तो यह मुझे खा जाएगा, जबकि यह हर काम चुटकियों में पूरा कर लेता है। आदमी ने कहा जाओ मेरे लिए आगरा के पैठे, जोधपुर की मावे की कचौरी, बम्बई की भेलपुरी और दिल्ली के परांठे ले आओ। आदमी ने सोचा मैंने इतने सारे शहरों के नाम बता दिए हैं कि वहाँ घूम कर आने में ही यह भूल-भूलैया में भटक जाएगा। पर यह क्या, जिन्न सारी चीजें लेकर पलक झपकते ही हाजिर हो गया। उसने वापस नया हुक्म देने को कहा। हालांकि पहले तो आदमी घबराया मगर 58 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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