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________________ कभी हत्या तक हो जाती है। वैसे भी आत्महत्या के पीछे तो एक ही पागल का हाथ होता है और वह है गुस्सा - क्रोध । इसलिए अपने गुस्से को छोड़ो और सब प्रेम से रहो, यही आपके लिए, मेरे लिए, सबके लिए जीवन की बुनियादी प्रेरणा है । अच्छी बातें आखिर उसी के लिए होती हैं, जो उन्हें ग्रहण करें । मेरे प्रिय, चार दिन की ज़िंदगी है । क्यों न इसे प्यार से जी जाओ। हो-हल्ला छोड़ो, और जीवन में प्रेम और मोहब्बत का चिराग़ जलाओ । कितना सुंदर शेर है - फितरत को नापसंद थी कड़वी जबान में, तभी तो कुदरत ने ना दी हड्डी जुबान में । अपने मुँह में एक जीभ है और बत्तीस दाँत हैं - अगर जीभ का सावधानी से प्रयोग करें तो दाँत प्रहरियों का काम करते हैं अन्यथा यह एक जीभ बत्तीस दाँतों को तुड़वा देती है। केवल बोलें ही नहीं, समय आने पर चुप भी रहें । तीसरा सूत्र : क्रोध का वातावरण बन जाए तो ख़ुद पर संयम रखें और बड़ा सकारात्मक व्यवहार करें। हर रोज सुबह ध्यान करें। इससे आत्मनिरीक्षण होगा, आत्मभाव में स्थिति बनेगी और जीवन में स्वतः शांति की सुवास फैलेगी । विपरीत स्थितियों में बहुत शांति से बोलें । शांति से बोलना जीवन की सबसे बड़ी विशेषता है, जो शांत है, वहीं संत है । एक महान संत हुए हैं तुकाराम । एक दिन तुकारामजी की पत्नी ने कहा- बहुत भूख लग रही है, खेत से गन्ने ले आइए। तुकाराम चले गए गन्ने लेने । पत्नी इंतजार करती रही कि अब आए, अब आए। सुबह के गए शाम को लौट कर आए। इधर पत्नी का भूख के मारे बुरा हाल, खूब गुस्सा चढ़ आया । पत्नी ने जब देखा कि तुकाराम के हाथ में केवल एक ही गन्ना है तो पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया, पूछा- क्या खेत में गन्ने नहीं थे ? तुकाराम ने कहा भागवान, गन्ने तो बहुत थे पर क्या बताऊँ गांव की चौपाल पर छोटे-छोटे बच्चे मिल गए और तुम जानती हो जब बच्चे मांगें तो मैं मना नहीं कर सकता, मैंने सभी को एक-एक गन्ना दे दिया। पत्नी गुस्से में तो थी ही, उसने गन्ना उठाया Jain Education International 43 For Personal & Private Use Only — www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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