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________________ रही है तो अन्य सभी उसकी कुंठा और घुटन को समाप्त करने की कोशिश करें। हरदम न होगी हरियाली परिवार में हम लोगों का एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार हो? सबसे पहले देखें बच्चों के प्रति । अपने बच्चों को सिखायें कि उन्हें जन्म से सुविधाएँ तो मिली हैं, पर जीवन में सुविधाभोगी न बनें। जिन्हें बचपन से सारी सुविधाएँ मिलती हैं और जो अपने बच्चों को संघर्ष का च्यवनप्राश नहीं खिलाते उनके आगे के जीवन में कोई दुःख की वेला आ जाए, किसी असुविधा का सामना करना पड़ जाए तो वे बच्चे जीवन से हार जाया करते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि जीवन में हरी घास कभी-न-कभी सूखती अवश्य है। अपने बच्चों को इस बात का अहसास कराते रहें कि उन्हें जो हरी घास जन्म से मिली है उसे सूखने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है। उन्हें इस बात का संकेत देते रहें कि जितने मजे से आज हरी घास में खेल रहे हैं अगर जीवन में सूखी घास भी आ जाए तो उतने ही प्रेम से उसका भी सामना करने का हौंसला रखना। उन्हें समझाएँ कि पैसा बहुत परिश्रम से कमाया जाता है, इसलिए उस पैसे से पढ़े-लिखें, योग्य बनें, फिर खुद कमाकर उपभोग करें। पिता के पैसे पर ऐश न करें। इस बात का उन्हें हमेशा अहसास कराते रहें कि पैसा न तो जमीन खोदकर निकाल सकते हैं, न आकाश से बरसता है। पैसे को परिश्रम से कमाते हैं इसलिए बच्चे पैसे का मूल्यांकन करें। आप पैसे का इसलिए मूल्यांकन कर रहे हैं कि आपने बड़ी मेहनत से कमाया है। जब इसी मेहनत से कमाए गए पैसे को बेटा व्यर्थ ही उड़ाता है तो पिता को तक़लीफ होती है। इसलिए उसे अहसास कराएँ कि जो पैसा उसने मोबाइल पर, गप्पे मारने में खर्च कर दिया, वह उन्होंने परिश्रम करके पाया था। उसे समझना होगा कि दोस्तों के काम पर जो वह इधर-उधर भटक रहा है, गाड़ी चला रहा है उस गाड़ी का पैट्रोल कोई नल में पानी की तरह नहीं आया है, अपितु पैट्रोल में लगे पैसों को अपने परिश्रम से कमाया है। आपको वह सब करना होगा अगर आप चाहते हैं कि आने वाला कल आपके बच्चों के जीवन में दुविधाएँ खड़ी न करें। 122 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003885
Book TitleJivan ki Khushhali ka Raj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2006
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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