SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 66
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अगर जीवन है, जीवन की व्यवस्था है तो बुढ़ापा भी आना तय है, लेकिन जो बुढ़ापे में पहुंचकर भी अपने मन को बूढ़ा नहीं होने देता वह नब्बे वर्ष का होकर भी जवान हुआ करता है। बुढ़ापा उसे सताता है जो मन से बूढ़ा हो जाता है। बुढ़ापे का प्रभाव पहले शरीर पर नहीं, मन पर आता है और उसका असर तन पर दिखाई देता है। जिसके मन में शिथिलता आई, जिसके मन में नपुंसकता का प्रवेश हो गया वह जवानी में ही बूढ़ा हो जाता है। अन्यथा समय के अनुसार बुढ़ापा तो आएगा ही फिर चाहे आप बाल काले करें या नई बत्तीसी लगवाएँ। बुढ़ापा तो जीवन का हिस्सा है। जैसे बचपन था, जैसे जवानी थी, वैसे ही बुढ़ापा भी है। बुढ़ापे को दीजिए सार्थकता ___ बुढ़ापे को व्यर्थ न समझें । प्रायः लोग कहते हैं, 'अजी छोड़िये अब कितने साल की ज़िंदगी बची है' भारतीय लोगों का मन, उनका सोच-विचार बहुत जल्दी बूढ़ा हो जाता है। साठ के पार आदमी सोचने लगता है – अब मुझे क्या करना है, अब मैं क्या कर सकता हूँ। अब जो जिंदगी बची है वह एक्स्ट्रा प्रोफिट की है, जैसे-तैसे जी लेंगे। अब क्या माथा लगाना, अब तो बूढ़े हो गए हैं । बुढ़ापा जीवन की हताशा नहीं, जीवन का उत्साह होना चाहिए। जब व्यक्ति के मन में हताशा आ जाती है तब वह पचास वर्ष की आयु में ही बूढ़ा हो जाता है और जिसके मन में उत्साह रहता है वह अस्सी वर्ष का होकर भी जवान होता है। याद रखिए बुढ़ापा पहले मन में आता है फिर तन में। बुढापा जीवन को सार्थकता प्रदान करने का चरण है। आप जानते हैं हमने संन्यास लिया बचपन में और हमारे पिता ने लिया पचपन में। पचपन बचपन का पुनरागमन होता है । जो बचपन से ही अपनी बुद्धि का सार्थक प्रयोग करना शुरू कर देता है उसका पचपन सार्थक हो जाता है। जिस उम्र में लोग परिवार के राग में उलझे रहते हैं, जिस उम्र में लोगों का घर से तीन दिन के लिए निकलना मुश्किल होता है उस उम्र में अगर व्यक्ति जीवन भर के लिए घर 65 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy