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________________ 'धन आए मुट्ठी में, धर्म जाए भट्ठी में' वाली सोच के व्यक्ति थे। साम, दाम, दण्ड, भेद हर तरह की नीति-अनीति वे कर दिया करते थे। अरबों रुपये की जमीनें उन्होंने बटोर ली लेकिन खुद अकाल मौत मारे गए। उनके दो लडके हैं, दोनों के दो-दो लडकियाँ हैं। बडे लडके की दोनों लड़कियाँ मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और छोटे लड़के की दोनों लड़कियाँ किसी दुर्घटना में अपंग हो चुकी हैं। वे दोनों लड़के काफी सुरक्षा में जीते हैं और शायद सोचा करते हैं कि अगर उनके पास धन नहीं होता तो आज वे अपनी लड़कियों का इलाज कैसे करवाते? मैं सोचा करता हूँ, काश! दूसरों की जमीने हड़प कर उनकी बद्दुआएँ न ली होती तो बच्चियों के इलाज की आवश्यकता ही न पड़ती। है दुखों की खाई, व्यर्थ की सिरखपाई चिंता के कारणों में एक और कारण है- 'छोटी-छोटी बातों में सिर खपाई।' इससे परिवार का माहौल कलुषित होता है। सब लोग आपस में टूटते हैं और हर व्यक्ति तनाव और चिंता से ग्रस्त रहता है। कोई बड़ी बात हो और हम सिरखपाई करें तो बात जमती भी है लेकिन छोटीछोटी बातों को सहजतापूर्वक न लेना और उन पर विपरीत टिप्पणियाँ करना परिवार में सिर फुटव्वल की नौबत लाना है। मुझे याद है, एक महिला अपनी बच्ची को छोटी-छोटी बातों में टोका करती थी और उसकी टोकने की आदत इतनी बढ़ गई कि दिन में पच्चीस-पच्चास बार तो वह उसे टोक ही देती। धीरे-धीरे बच्ची पर टोका-टोकी का प्रभाव कम होने लगा। वह न केवल चिड़चिड़ी हो गयी अपितु माँ की बातों पर ध्यान देना भी उसने बंद कर दिया। परिणामत: माँ इस बात को लेकर चिंताग्रस्त हो गयी कि आखिर मेरी बेटी मेरा कहना क्यों नहीं मानती? अभी कुछ दिन पूर्व एक महानुभाव मेरे पास चैन्नई से आए। अपनी व्यथा सुनाते हुए वे कहने लगे, 'शादी के साल-छ: महीने तक तो मेरी और मेरी पत्नी में काफी प्रेम बना रहा लेकिन उसके बाद पता नहीं क्या हुआ कि हमारी अन-बन बढ़ती गई जिसके कारण मैं चिंतामुक्त नहीं रहता हूँ। मुझे जिंदगी भार-भूत लगने लग गई है। जब मैंने उनकी पत्नी से बात की तो उसने बताया कि ये अपने ही कारण दुःखी हैं। छोटी-छोटी 42 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003870
Book TitleChinta Krodh aur Tanav Mukti ke Saral Upay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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