SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 150
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आत्म-विकास वेमूरि बलराम डशहा E आपकी सफलता आपके हाथ चिंता सुखसजिए आनन्द की बू वृशियों के मोती अनुभव और दूरदर्शिता बॉडी लैंग्वेज कापनमाहिती समीकममता meated th.ambedambandaae. Breaterheempan (60/ -80/ 96 (80/ 68/ डिमाई आकार, पृ. 102 डिमाई आकार, पृ. 128 डिमाई आकार, पृ. 144 डिमाई आकार, पृ. 318 डिमाई आकार, पृ. 144 जोपाध्यायलचितामा सागर जीवन हो तोऐसा ही चित्त-शान्ति के स्रोत कबीरके दोहे जीवन की खुशहाली का राज चिंता, क्रोध और तनाव-मुक्ति के सरल उपम का आइना 100/ (80/ M2/ develsa 60/डिमाई आकार, पृ. 144 150/डिमाई आकार पृ. 312 डिमाई आकार, पृ. 144 डिमाई आकार, पृ. 176 डिमाई आकार पृ. 88 जिएंतो ऐसे भरपूर जीवन जीने के शाश्वात जिाएं निराम मन को नियंत्रित कर तनावमुक्त कैसे रहें लक्ष्य बनाएँ, पुरुषार्थजगाएँ हाडीadibest Pradकथा hention बाडा लग्वज -100/ 100/ 68/ डिमाई आकार, पृ. 136 डिमाई आकार पृ. 144 डिमाई आकार पृ. 112 डिमाई आकार पृ. 112 डिमाई आकार पृ. 140 मन के हारे हा मन के जीते सदा खुश कैसे रहें अहेकार को कैसे जीते सिस्टम के आन-जनाथ चली damental मीनिढ ओर सावनिक -मजे में रहोगे तनाव moreरा क्यों होता है ..और केले क्वें 80/ 68/ 120/ 60/ (68/ डिमाई आकार पृ. 144 डिमाई आकार पृ. 128 डिमाई आकार पृ. 112 डिमाई आकार पृ. 128 डिमाई आकार, पृ. 160 अंग्रेजी तथा बंगला में भी उपलब्ध Jain Education International डाकखर्चः 30 से 40/- रुपए पुस्तक अतिरिक्त
SR No.003870
Book TitleChinta Krodh aur Tanav Mukti ke Saral Upay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy