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________________ पहली चोट में ही पत्थर टूट जाए, पर तुम लगातार-लगातार-लगातार चोट करते जाओ, पत्थर अपने आप लगातार-लगातार-लगातार कमज़ोर होता जाएगा और आखिर दसवीं चोट में पत्थर टूट ही जाएगा। सफलता के लिए वैज्ञानिक रूप से खुद को तैयार करें। अच्छी तकनीक अपनाएँ, सफलता का विश्वास भीतर जगाएँ, पूरे दिल से, पूरे मन से परिश्रम करें, 100 में से 100 प्रतिशत नम्बर आने की पूरी-पूरी गारंटी है। ईश्वर उन्हीं के साथ होते हैं जो सफलता के लिए परिश्रम और कर्मयोग करते हैं। आप जहाँ हैं वहाँ से चार क़दम आगे बढ़ाओ, अभ्यास की आवृत्ति और बढ़ाओ, यह भी एक साधना है, सफलता अवश्य मिलेगी। सार इतना ही है कि 36% शक्ति लगाने वाले को 36% परिणाम मिलेगा और 100% शक्ति लगाने वाले को 100% का परिणाम मिलेगा। तब तक रुको मत, जब तक मंज़िल तक पहुँचने का सुकून न मिल जाए। हज़ारों मंज़िलें होंगी, हज़ारों कारवां होंगे। निग़ाहें हमको ढूँढेगी, न जाने हम कहाँ होंगे। आज तुम किसी को आदर्श बनाओ, कल कोई तुम्हें आदर्श बनाएगा। आज तुम किसी को अपनी मशाल बनाओ, कल कोई और तुम्हें अपनी मशाल और मिसाल दोनों बनाएगा। कहीं न पहँचे तब तक तुम छोटे हो, पहँच गए तो छोटा भी कोई सचिन कहलाएगा और कोई चन्द्रप्रभ । भविष्य आपका है, बस वर्तमान को क़दम उठाने की ज़रूरत है। मैं तो केवल आपकी सोई चेतना को जगा रहा हूँ, जैसा कि कृष्ण ने अर्जुन की चेतना को जगाया था, बाकी महाभारत आपको जीतना है। अपनी ओर से प्रेमपूर्वक इतना ही निवेदन है। 28 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003864
Book TitleKaise Khole Kismat ke Tale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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