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________________ ज० रा० ए० सो० ज० वि० उ०रि० सो० जै० ना० इ० जै० शि० सं० जै० सा० इ० जै० सा० इ० गु० जै०. सि० भा० जै० सा० वि० जै० सा० स० जै० हि० ज्योति० टी० ज्योतिर्विदाभरण तत्वार्थ ० त० भा० टि ति० प० त्रि० प० ति० प० तै० } ० प्रा० Jain Educationa International ( २८ ) जर्नल आफ रायल एशियाटिक सोसायटी जर्नलाफ विहार उड़ीसा रिसर्च सोसायटी पटना जैनिज्म इन नार्दर्न susar जैन शिला लेख संग्रह जैन साहित्य र इतिहास जैन साहित्यनो इतिहास गुजराती जैन सिद्धान्त भास्कर जैन साहित्य में विकार जैन साहित्य संशोधक जैन हितैषी ज्योतिष्करण्ड टीका तत्वार्थ वार्तिक तत्वार्थ भाष्यटीका तिलोय पण्यत्ति तित्था गाली पन्ना तैत्तिरीयारण्यक चिम्मन लाल शाह माणिकचन्द ग्रन्थमाला श्रीनाथूराम प्रेमी बम्बई जैन श्वे० कान्फ्र बम्बई जैन सिद्धान्त भवन चारा पं० वेचरदास दोशी पूना से प्रकाशित हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय बम्बई रतलाम संस्काण For Personal and Private Use Only भारतीय ज्ञानपीठ काशी देवचन्दलाल भाई ग्रन्थमाला जीवराज ग्रन्थमाला शोलापुर श्रानन्दाश्रम मुद्रणा लय पूना www.jainelibrary.org
SR No.003837
Book TitleJain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year
Total Pages778
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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