SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 328
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीर निर्वाण सम्वत् निर्वाण ईस्वी पूर्व ५२७ में माना जाता है वैसे ही उक्त बौध्द देशोंमें बुद्घका निर्वाण ईस्वी पूर्व ५४४ में माना जाता है । और जैसे महावीर निर्वाणके प्रचलित कालको लेकर विद्वानोंमें मतभेद चला आता है, वैसे ही प्रचलित उक्त बुद्ध निर्वाणके काल को लेकर विद्वानोंमें उससे भी अधिक मतभेद चला आता है। किन्तु जायसवालने बौद्ध अनुश्रुतिके प्रत्येक गोलमालको सुलझा कर ५४४ ई० पूर्व में बुद्ध निर्वाणकी स्थापना की थी ( ज० रा० ऐ० सो०, जि० १, पृ० ६७ आदि)। अतः हम परम्परासे प्रचलित उक्त दोनों निर्बाणकालोंको ही सामने रखकर उक्त समकालीन व्यक्तियोंके घटना क्रमपर विचार करेंगे। बुद्ध की आयु ८० वर्ष थी और महावीरकी आयु ७२ वर्ष के करीब थी। चूकि बुद्धका निर्वाण ईस्वी पूर्व ५४४ में हुआ अतः उनका जन्म ईस्बो पूर्व ६२४ में होना चाहिए । तथा चूकि महावीरका निर्वाण ईस्वी पूर्व ५२७ में हुआ अतः उनका जन्म ईस्वी पूर्व ५६६ में होना चाहिए। इस तरह बुद्धसे महाबीर करीब २५ वर्ष छोटे ठहरते है। बुद्धने करीब २६ वर्षकी अवस्थामें घर छोड़ा और लगभग ३६ वर्षकी अवस्थामें उन्हें बोधि लाभ हुआ। महावीरने ३० वर्षकी अवस्थामें घर छोड़ा और लगभग बयालीस वर्षकी अवस्थामें उन्हें केवल ज्ञान हुआ। अर्थात् प्रचलित निर्वाणकालके अनुसार बुद्धको ५८८ ईस्वी पूर्व में बोधिलाभ हुआ और महाबीरको ५५७ ईस्वी पूर्व में बोधिलाभ हुआ। इस तरह बोधिलाभके पश्चात वे दोनों महापुरुष लगभग १२-१३ वर्ष तक अपने अपने धर्मके शास्ताके रूपमें प्रतिस्पर्धी के रूपमें साथ साथ विचरण करते रहे। बौद्ध पालि साहित्यमें निग्रन्थ ज्ञात पुत्रके सम्बन्धमें जो उल्लेख मिलते हैं, १२ वर्षके Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003837
Book TitleJain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year
Total Pages778
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy