SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५] 000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 प्रकाशक के दो शब्द श्री साधुमार्गी जैन समाज में श्रीयुत रतनलाल जी डोशी सैलाना वाले अच्छे लेखक एवं साहित्य सर्जक हैं। आपकी सचोट एवं निर्भीक लेखनी से सम्पादित यह 'मुख-बस्त्रिका-सिद्धि' नामक पुस्तक समाज को अतीव उपयोगी एवं लाभप्रद ज्ञात होने से प्रथम संस्करण की पुस्तकें स्वल्प समय में ही बिक चुकीं और पंजाब आदि प्रान्तों से इसकी जोरदार मांग होने के कारण इस पुस्तक का द्वितीय संस्करण संशोधन एवं परिवर्द्धन के साथ प्रकाशित किया जा रहा है। इसमें भाषा संयम पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। ___ इसके प्रथम संस्करण के प्रकाशन में द्रव्य सहायता श्री जुगराजजी रतनलाल जी, बरेली वालो ने दी थी इस कारण इस पुस्तक को अर्द्ध मूल्य-डेढ आने में ही वितरण की थी। परन्तु इस समय यूरोपीय महायुद्ध के कारण कागजादि छपाई के साधनों की महंगाई के कारण बहुत महंगी पड़तीहै। परन्तु प्रयक्ष करने पर भीनासर निवासी श्रीमान् सेठ बहादुरमल जी तोलाराम जी बांठिया ने छपाई का अर्द्ध व्यय अपनी तरफ से देना स्वीकार किया है। इस कारण श्रीमान् सेठ साहब की इस उदारता की प्रशंसा करते हुए इस द्वितीय संस्करण को भी अर्द्ध मूल्य में ही देना ठहराया है और जनता से अनुरोध है कि वह इस पुस्तक का अधिकाधिक प्रचार करके लाभ उठावें। भवदीय रतलाम बालचन्द श्रीश्रीमाल ता० १५-६-४१ सैक्रेटरी-श्री सा. जैन पूज्य श्री हुक्मीचन्दजी म. की सं. का हितेच्छु श्रावक मण्डल, रतलाम Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003678
Book TitleMukhvastrika Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2002
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy