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धत्ता- हुंकारउ दिण्णु तं णिसुणेविणु हरि डरिउ ।
चितेइ पयंडु गब्भे को वि णरु अवयरिउ ।।१०।।
(11) ऋषि कोपीन कथा और मन्दोदरि
गब्भत्थें तें हरि कहिउ जैम णिसुणिउ मइ तापसवयणु तेम । तं मण्णेविण दिय भणहि एम वारहवरिसइ थि उ गब्भे केम । पडिवयणु पुणु वि गुरवेण वुत्तु णिसुणहु चिर मुणि पणिउ णिरूत्तु । मउ णामें तावसु त उ करंतु जाम त्यइ णिज्जेणिवणि वसंतु । तावेक्कदिवसे सुइणंतरम्मि संजायइ वर णारीरयम्मि। पालियसुवयहो खरण जाउ चितिउ तें सुक्कु म विहलु जाउ । कोवीणु णेवि णइणीरे विमलि वोले विणु णिप्पीलियउ कमलि । सा पीउ सुक्करसु ददुरीए विमलजलकमलदलकीलिरीए । रिउवइहे तहि तें तक्खणेण हुउ गम्भु जुत्तु तियलक्खणेण । गयमासेणेक्के सुहदिणम्मि
पवसिय सा सोहण गहगणम्मि। 10 घत्ता- अइणिरुवमरुव जाय दुहियलक्खणभरिय ।
सोहग्गहो थत्ति णावइ अच्छर अवयरिय ।।११।।
(12)
सणु तणयहे तणउ णियंतियाए अस्थि उडहि रूउ पियंतियाए । ददुरियए पुणु पुणु चितियउ णिउणउ जे विहि एहउ कियउ। अम्हहँ कुल होइ ण एरिसिया फुडु एह हवेसइ माणुसिया । इय चितिऊण वित्थिण्णयले सा मुक्क ताए कमलिणि देहंले । मउण्हाणत्थें तहि जाइ नाम जण मणहर वाल णिएइ ताम । पुणु तेण पउंजिवि झाणु किया जाणिय णियसुक्कें संभविया । (11) 1.5 मई णिसुणिउं तावस०, 2.b भणहि, b वरिसइं, 3.b णिसुणहं,
b पणिउं, 4.a जावत्थइ, b जामत्थइ, यम must be मय दानव whose daughter was called मन्दोदरि, बाल्मीकि रामायण, उत्तरकांड 12.1-21; मत्स्य 6.21; वायु 68.29; ब्रह्मा 3.6.29. 5.a सुइणंतरम्मे, 6.a मालिया, 8.a inter. ०दल० & ० कमल०, 9.a गन्भजुत्तु, cf. स्कंदपुराण, मत्स्यपुराण, वायुपुराण, भागवतपुराण, महाभारत (आदिपर्व) यम may be मय।
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