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________________ ( ) अंक विषय १३६ सुपात्र दानना पांच दूषणो १३७ सुपात्र दानना पांच भूषणो १३८ सुपात्र दान विषे पंचकशेठनी कथा .... १३० सुपात्र दान उपर जीरण शेठ तथा पुरण शेठनुं वृतांत १४० तीर्थकरोनो दान विधि Jain Education International .... .... १४१ ते दान समये उप्तन्न यता व अतिशयो १४२ वि जीवो केटला जावने पामता नथी १४३ बारव्रतन । षमभंगी एकवीश जांगायुक्तनुं वर्णन १४४ यावतकथित अने इत्वरकथितनुं स्वरूप १४५ दश श्रावकोना दृष्टांतानंद श्रावकनुं वृतांत १४६ बीजा कामदेव श्रावकनुं वृतांत १४७ श्रीजा श्रावक चुलनी पितानुं वृतांत १४८ चोथा श्रावक सुरादेवनुं वृतांत १४० पांचमा श्रावक चुनशतकनुं वृतांत १५० छठा कुंमकोलिक श्रावकनुं वृतांत .... १५१ सातमां सदालपुत्र श्रावकनुं वृतांत १५२ आठमा महाशतक श्रावकनुं वृतांत १५३ नवमा नंदनी पिता श्रावकनुं वृतांत... १५४ दशमा तेतली पिता श्रावकनुं वृतांत १५५ श्रावकनी ग्यार प्रतीमानुं स्वरुप १५६ क्त विषय माटे केशवनुं ष्टांत १५७ तिथि, वार, नक्षेत्र, आदि आश्रीने साध्य साध्यनो विचार १५८ श्रावकने निवास करवा योग स्थाननुं स्वरुप ..... १५ नगर दिकमां वसनारा श्रावकोए केवा पमोसमां न रहे. ? १६० केवो श्रावक उत्तम गणाय ? १६१ चार प्रकारना श्रावकोनुं वर्णन. १६२ श्रावकनुं संक्षिप्त आन्हिक. १६३ त्रीकाल जिन पूजानो विधि. .... .... .... ÷ .... .... 3399 .... For Private & Personal Use Only .... .... .... .... .... .... 49.0 पृष्ठ. ......२५१ .... २५१ ....१५२ ... २५३ . २५५ ... १५५ .. २५७ .... ... २५८ . १५० ...२६० .... २६३ .. १६६ ....३६७ .. १६७ .... .....१६० ....१६ए ... २७२ .... २७५ . २७५ ... २७६ .... .... २७८ १८६ ..200 .... २८ए . २०० ....२०१ . श्एश् ... २ए६ www.jainelibrary.org
SR No.003647
Book TitleAtmprabodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinlabhsuri, Zaverchand Bhaichand Shah
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1912
Total Pages464
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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