SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ....१२५ .....१२५ ....१२६ (२०) अंक विषय ७१ सम्यक्त्व, पांचमुं नूषण जक्ति. .... २ सम्यक्त्वना पांच लक्षणो. ७३ सम्यक्त्वना पहेला लक्षण उपशम उपर राजर्षिनी कथा. ४ सम्यत्क्वनुं संवेग नामर्नु बीजु लक्षण. .... ५ सम्यक्त्वनुं त्रीजुं लक्षण निर्वेद .... .... ७६ जीजा लक्षणउपर दृढपहारीनुं दृष्टांत. ७ सम्यक्त्वनुं चोथु लक्षण अनुकंपा. .... चोथा लक्षण उपर सुधर्मराजानी कथा. .... नए सम्यक्त्वनुं पांच लक्षण आस्तिकता .... ए० सम्यक्त्वना पांचमा लक्षण उपर पद्मशेखरनी कथा. ए१ छ प्रकारनी यतना. ए२ उ यतना जपर धनपाळ पूरोहितनी कथा..... ए३ सम्यक्त्वना आगार. एच पहेला आगार राजाभियोग उपर कोषावेश्या दृष्टांत. एए बीजो आगार गणानियोग. ए६ त्रीजो आगार बनानियोग ए७ चोथो आगार देवानियोग ए पांचमो आगार कांतारवृत्ति. .... एए बहो आगार गुरुनिगृह १०० सम्यक्त्वनी नावना. १०१ सम्यक्त्वना ब स्थानक. ....१७ ....१२८ ....१३३ .....१३४ ....१३७ ...१३५ .... १४० ....१४ए ....१५१ ....१५१ ....१५१ ....१५१ ....१५५ ....१५३ ....१५५ द्वितिय प्रकाश (देश विरति.) १०५ देश विरति १०३ श्रावकना १ गुणो..... १०४ श्रावकना बार व्रत. .... .... १०५ प्रथम व्रतनुं स्वरुप. .... १०६ अन्वय अने व्यतिरेकथी दयानुं फळ. ... ....१६५ : ....१६७ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003647
Book TitleAtmprabodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinlabhsuri, Zaverchand Bhaichand Shah
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1912
Total Pages464
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy