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________________ शुभकामना सन्देश भारत भूमि महान् पुण्य-धरा है। यह अनेक साधु संतों की जन्म-स्थली है एवं उनके तपश्चरण से इसका कण-कण पवित्र है। यहाँ के अति प्राचीनतम तीर्थ-स्थलों, मन्दिरों, पुरावशेषों और शास्त्रों ने पीढी दर पीढी जैन और जैनेतर समाज का मार्गदर्शन किया है। श्रमण संस्कृति की आर्ष परंपरा की मूर्तियाँ, मन्दिर, गुफायें अनेक जगह पर आज भी क्षतिग्रस्त रूप में हैं । जैनेतर लोग धीरे-धीरे उन पर कब्जा एवं उनकी दुरावस्था करने की चेष्टा कर रहे हैं । जिसका संरक्षण, सुरक्षा एवं जीर्णोद्धार होना परमावश्यक है। इस दुरावस्था को जीर्णोद्धार के माध्यम से सुरक्षित करने के लिए श्रीभारतवर्षीय दिगम्बर जैन धर्म संरक्षिणी महासभा ने महावीरजी में दिनांक ५ फरवरी १६६८ को एक नई संस्था का गठनकर श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (तीर्थ संरक्षणी) महासभा के रूप में नामांकित करके इस सभा के कार्य को कार्यान्वित करने के लिए श्रीमान् निर्मलकुमारजी सेठी, लखनऊ को प्रधान अध्यक्ष बनाया । उस समय से ही सेठीजी ने अपनी मेहनत से सारे कार्यकर्ताओं को उत्साह प्रदान कर तीर्थ संरक्षिणी महासभा के कार्य को भारत के अनेक राज्यों में विस्तारित कर स्वयं जगह-जगह जाकर अपनी कर्मठ कार्य-कुशलता से अनेक साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त कर समाज को जगाया, समाज से यथाशक्ति दान-राशि प्राप्त कर राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश, आसाम, नागालैण्ड, केरल आदि स्थलों में दो करोड़ से अधिक रुपये व्यय कर अनेक जीर्णित क्षेत्रों, मन्दिरों, मूर्तियों एवं गुफाओं को एक नया रूप देकर उनकी सुरक्षा का प्रशंसनीय कार्य किया है। तीर्थ संरक्षणी महासभा के कार्य की सफलता के लिए अपने आराध्य अनेक आचार्यों, मुनि महाराजों, आर्यिका माताजी एवं भट्टारक स्वामीजी ने समय-समय पर अपने आशीर्वाद के माध यम से, अपने अनमोल उपदेश से प्रेरणा देकर समाज एवं महासभा के कार्य को आगे बढ़ाया और बढ़ा रहे हैं । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003645
Book TitleTamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year2001
Total Pages192
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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