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________________ ४८ च्यार थावर में वनस्पति ऊपजै तेहनों यंत्र (५) गमा २० द्वार नी संख्या उपपात द्वार | सघयण द्वार अवगाहना द्वार संठाण द्वार तेश्या द्वार दृष्टि द्वार ज्ञान-अज्ञानद्वार योग द्वार उपयोग परिमाण द्वार जघन्य उत्कृष्ट । जघन्य उत्कृष्ट | जघन्य उत्कृष्ट १छेवटो १हजार | नाना प्रकार ना। ४ पहली १निध्या | रनियमा १काया ओधिक नै औधिक |१४ गगै जिण जिण काय ओधिक नै जघन्य |में ऊपजे विण र जघन्य | ओधिक नै उत्कृष्ट | उत्कृष्ट आयु में ऊपरी | आंगुल नों असंख भाग १२ गर्ने समय रामय असंख ऊपजे, बनस्पति में बनापति रागय रामय अनंत ऊपजैगमै जघन्य १२.३ उत्कृष्ट रांख या अरांख काज जानी १छेवटो नाना प्रकार ना | ३पहली मिथ्या . नियमा जघन्य नै ओधिक जघन्य नै जघन्य जधन्य नै उत्कृष्ट २५.गर्ने जिण जिण | काय मैं ऊपजे निणरै जघन्य आयु मैं ऊपजे आगुल नों असंखभाग ऊपरवत पहजार योजन जाझी जघन्य १२,३ उत्कृष्ट १छेवटो पहली २नियमा काया उत्कृष्ट न ओधिक ३६.गर्गे विण जिण उत्कृष्ट नै जघन्य काय मे ऊपज तिण रे उत्कृष्ट ने उत्कृष्ट | उत्कृष्टआयु में रुपले आमुलनों असंवभाग पहजार | नाना प्रकार ना योजन । अशंख ऊपजे २० कायसंवेध द्वार अप में वनस्पति उत्कृष्ट काल तेक में वनस्पति जघन्य काल उत्कृष्ट काल ज . जघन्यकाल असंस असंख १अंतर्ग. १अंतर्म १अंतर्ग. १अंत. १अंतर्मु७हजार वर्ष असंखकाल असंखकाल | अंतर्मु १अंतर्ग: असंखकाल असंयकाल १अंतर्मु, १अंतर्मु ४० हजार वर्ष २० हजार वर्ग | १अंतमु ३ दिन रात | असंखकाल असंवकास असंखकाल असंखकल ४० हजार वर्ष दिना असंख असंख अंतर्ग अंतमु १अंतर्मु. अंत. अंतस हजार वर्ष असंखकाल अराखकाल | असंखकाल असंखकाल |४अंत २८ हजार वर्ग |१अंतमु, १अंत १अंतर्मु.१अंतर्मु. १अंतर्मु ३ दिन रात असंयकाल असंखका असंखकात असंघका | ४ अंतर्मु, १२ दिन रात १० हजार वर्ष अंत ४० हजार वसं २० हजार वर्ग १० हजार वर्ष अंत ४० हजार वर्ष ४ अंतर्मु १० हजार वर्ष हजार वर्ष ४० हजार वर्ष २८ हजार दर्व | १० हजार वर्ष अंतर्मु ४० हजार वर्ष दिना | १० हजार वर्ष १ अंतर्मु, |४० हजार वर्ष ४ अंतर्ग १० हजार वर्ष ३ दिन रात ४० हजार वर्ष दिनस २४८ भगवती-जोड़ (खण्ड-६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003622
Book TitleBhagavati Jod 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages360
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size18 MB
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