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________________ हि रत्न वालुक धूम थी २ भांगा तीज विकल्प करि कहै छ १ रत्न, २ वालुक, १ धूम, १ तम ५७ ५८ १ रत्न, २ वालुक, १ धूम, १ सातमीं हि रत्न वालुक धूम थी २ भांगा चोथे विकल्प करि कहै छै - ५६ ६० ६२ ६३ १ ६४ २ ए रत्न वालुक धूम थी ४ विकल्प करि ८ भांगा कह्या । हि रत्न वालुक तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छ ६१ १ १ रत्न, १ वालुक, १तम, २ सातमी हि रत्न वालु तम थी १ भांगो दूर्ज विकल्प करि कहै छै - १ १ रत्न, १ वालुक, २ तम, १ सातमी हिवै रत्न वालुक तम थी १ भांगो तीज विकल्प करि कहै छं - १ १ रत्न, २ वालुक, १ तम, १ सप्तमीं हि रत्न वालुक तम थी १ भांगो चौथे विकल्प करि कहै छँ १ ६७ २ ६८ १ २ रत्न, १ वालुक, १ तम, १ सातमी ए रत्न वालुक तम थी १ भांगो ४ विकल्प करि ४ भांगा कह्या । एवं रत्न वालुक थकी ६ भांगा ४ विकल्प करिकै २४ भांगा कह्या । २ रत्न, १ वालुक, १ धूम १ तम हिव रत्न पंक थी ३ भांगा, ते किसा ? रत्न पंक धूम थी २, रत्न पंक तम थी १ । तिहां रत्न पंक धूम थी २ भांगा प्रथम विकल्प करि कहै छै - २ रत्न, १ वालुक, १ धूम, १ सातमी ६५ १ १ रत्न, १ पंक, १ धूम, २ तम ६६ २ १ रन, १ पंक, १ धूम, २ तमतमा रत्न पंक धूम थी २ भांगः द्वितीय विकल्प करि कहै छँ १ रत्न, १ पंक, २ धूम, १ तम १ २ १ रत्न, १ पंक, २ धूम, १ तमतमा Jain Education International रहन पंक धूम थी २ भांगा तृतीय विकल्प करि कहै छ ६६ ε | { ७० १ रत्न, २ पंक, १ धूम, १ तमतमा रत्न पंक धूम थी २ भांगा चउथे विकल्प करि कहै छ १ २ रत्न, १ पंक, १ धूम, १ तम ७१ ७३ ७२ २ रत्न, १ पंक, १ घूम, १ तमतमा हिवे रत्न पंक तम थी १ भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छे १ १ रत्न, १ पंक, १ तम, २ तमतमा हि रत्न पंक तम थी १ भांगो दूर्ज विकल्प करि कहै छ १ १ रत्न, १ पंक, २ तम, १ तमतमा हिवे रत्न पंक तम थी १ भांगो तीज विकल्प करि कहै छे१ १ रत्न २ पंक, १तम २ तमतमा ७५ हिवे रत्न पंक तम थी १ भांगो चउथे विकल्प करि कहै छं १ २ रत्न, १ पंक, १ तम, १ तमतमा ७६ ए रत्न पक थी ३ भांगा ४ विकल्प करि १२ भांगा कह्या । हिवरल धूम तम थी ? भांगो प्रथम विकल्प करि कहै छँ १ १ रत्न, १ धूम, १ तम, २ तमतमा हि रत्न धूम तम थी १ भांगो दूर्जे विकल्प करि कहै छै ७४ ७७ ७८ १ १ रन, २ पंक, १ धूम, १ तम ७६ २ १ रत्न, १ धूम, २ तम, १ तमतमा हिवे रत्न धूम तम थी १ भांगो तीज विकल्प करि कहै छँ १ १ रत्न, २ धून, १ तम, १ तमतमा हि रत्न धूम तम थी १ भांगो चउथे विकल्प करि कहै है १ २ रत्न, १ धूम, १ तम, १ तमतमा ए रत्न धूम तम थी १ भांगो ४ विकल्प करि कह्यो । एवं रत्न थी २० भांगा प्यार विकल्प करि ८० भांगा कह्या । श० ६, उ० ३२, ढाल १७६ ६६ ८० २ For Private & Personal Use Only १ www.jainelibrary.org
SR No.003619
Book TitleBhagavati Jod 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages490
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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