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________________ उत्तरोट्ठ-उद्धय उत्तरोठ्ठ (उत्तरौष्ठ) ज २१५ उत्ताण (उत्तान) उ३।१३० उत्ताणग (उत्तानक) ज ३११११,११३ उ १४६ उत्ताणय (उत्तानक) प २१६४ उ १।४६ उत्ताणसेज्ज (उत्तानशय } उ ३।१३०,१३१,१३४ उत्तासणग (उत्तामनक) प २०२० से २६ उत्तासणय (उत्तासनक) प २२७ उत्तिण (उत्तीर्ण) ज ३१८१ उत्तिमंग (उत्तमाङ्ग) ज २०१५ उदग (उदक) ज २।१३१,३१२६,३६,४७,१०६) १३३,२२१:५५५ उदगधारा (उदकधारा) ज ३१८८ उदय (उदय) प २३१३,१३ से २३ सू ११६१२, १८१ उदय (उदक) प ११४१२,१६४६:१०१७ १६।५४ ज ३१६,२०६,५११४,५६७११२।१, २ च २।२,४११,३ र १०।१२६१,२ उदयसंठिति (उदयसंस्थिति) सू १६२,१८११,३ उदर (उदर) उ ११४३ उदाह (उदधि) प २१३०११,२।४०१२,८,१०; १५.११२ ज २.१५,५१५२ उदहिकुमार (उदधिकुमार) प १११३१,५३,६।१८ उदार (उदार) ज ३१२४,१३१ उदाहु (उताही) प १०१६:१५।४६,४७,३४१६ उ १११२७ उदिण्ण (उदीर्ण) प २०१३९,२३३,१३ से २३ उदीण (उदीचीन) प २११०,५० से ५२,५४,५६, ५८ से ६० ज ११८,२०,२३,२५,२८,३२, ४८,३११,४।१,३,५५६२,८६,८८,६८, १०८,१७२,२०५,२१४,२५२,२६२,२६८; ७११०१,१०२ सू का? उदीणदाहिणायता (उदीच्यदक्षिणायता) स १११ २।१:१०।१४२,१४३१२।३० उदोणवाय (उदीचीनवात) प १२६ ‘उदोर (उद। ईर) उदीरति प १४।१८ उदीरिस्सति प १४।१८ उदीरेंति 3 ३।३४ उदीरेंमु य १४।१८ उदीरेति प २२१५ उदीरण (उदीरण) ज २१३१ उदीरिज्जमाण (उदीयमाण) प २३३१३ से २३ उदीरिय (उदीरित) प २३।१३ से २३ उदु (ऋतु) ज २१४७११२११ उदंडग (उद्दण्डक) उ ३१५० उईडिय (उद्दण्डिक) ३१३२ उद्दव (उद । द्रु) उद्वेति प ३६।६२,७ उद्दवित्तए (उद्भवयितुं) ज ३।११५ उद्दाइत्ता (उद्रुत्य) ज ६४ उद्दाल (उदाल) ज २१८ उहाल (अवदाल) ज ४.१३ सू २०१७ उद्दाल' (आ : छिद) उद्दाले इ उ १११०५ उद्दालेउकाम (आछत्तुकाम) 3 १।१०५ उद्दिठ्ठ (दे०) सू१६।२२।२५ उद्दिस (उत्- दिश् ) उदिसंति उ १४५ उद्दिस्यि (उद्दिश्य) प १६।५१ उद्दिस्तपविभत्तगति (उद्दिश्यप्रविभक्तगति) उद्देस (उद्देश) ज ७१०१,१०२ उद्देसग (नदेशक) उ५१४५ उद्देसय (शिक) प १७११४८ उद्देहिया (३०) ११५० उद्ध (ऊच्वं) प ३३।२४ ज १३१६,२३,२४,२१६, ५८,६५,१५७ उद्धंस (उन् । वृष) उद्धसइ उ ११५७ उद्धसणा (उद्धर्पणा) ज ११५७,८२ उद्धंसेत्ता (उद्धप्यं ) उ ११५७ उद्धत (उद्धत) ज २०६५ उद्धिय (उद्धृत) ज ३१२२१ उद्धृत (उदत) प २०४८ उद्धृय (उद्भूत) प २।३०,३१,४१ ज २।६०,३।७; २४१३,२६.३७।१,३६ ४५॥१,४७,५६,६४, ७२,८८,११३,१३१३,१३८,१४५,१७८; १. हेमा ४१२५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003579
Book TitleAgam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages394
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vrushnidasha
File Size7 MB
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