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________________ अणाहारय-अणुत्तर से ११०,११२,११४ से ११६,११८ ११६, १२१,१२३ मे १२५,१३०,१३१,१३६ से १३६,१४१, १४२ अाहारय (अनाहारक ) प १८।६७ से १०३; २८।१०६ से १०८,१११, ११३, ११७,११६, १२०,१२२, १२५,१२७ से १२६,१३२,१४३ अदि ( अनिन्द्र ) प २१६०,६३ अणदिय ( अनिन्द्रिय) प ३।४०; १३ १६ १८ ।१७ अणदिया (अनिन्दितः ) ज ११ १ अणि वित्त ( अनिक्षिप्त) उ० ३१५० अणिगण (अनग्न ) ज २।१३ अणिच्चजागरिया (अनित्यजागरिका) उ० ३।५५ अणिच्छियत्त (अनिष्टत्व ) प २८/२४ अणिज्जिण (अनिर्जीर्णे ) प ३६८२ अणिट्ठ ( अनिष्ट ) प २३।२० ज २।१३३ अणितरिया ( अनिष्टतरका ) प १७।१२३ से १२५,१३० से १३२ अणिट्ठत्त (अनिष्टत्व) १२८१२ अणिट्ठस्सर ( अनिष्टस्वर ) ज २११३३ अणिट्ठस्सरता (अनिष्टस्वरता ) प २३।२० अणिडिट (अनद्धि ) प ६६८ २१।७२ अणिढिपत्तारिय (अनद्विप्राप्तायं ) प १६०,६२, १२६ अत्थित्थ (अनित्यस्थ ) प २२६४/६ अणिदा (दे० ) प ३५।१।१; ३५।१६ अणदाया (दे० ) प ३५।१७ मे २०,२२,२३ अणिमिस ( अनिमेष ) ज ५।६७ अणिय ( अनीक ) प २३० मे ३३,३५,४१,४३,४८ से ५१ ज १२४५ ; २१६० ; ३११२५: ५११, १६, ४३, ४४, ५०, ५६, सू १८१२३ अणिय ( अनिवृत्ति ) सू २०१८,२०1८15 अणियत (अनियत ) सू २१२६ अणियय ( अनियत ) प १७२० अणियाधिवति ( अनीकाधिपति) प २३० से ३३ ४१,४३,४८ से ५१ Jain Education International अणियाहिव ( अनीकाधिप ) ज ४।१५१।२ अणियाहिवs ( अनीकाधिपति) ज १।४५ ; २६० ४। १६,१५१ ५ १,१६,३६,४३,४८,५०,५२, ५३, ५६ सू १८।२३ अणियाविति ( अनीकाधिपति) प २३० अणिल (अनिल) ज २०६८ अणिवारिय ( अनिवारित) उ ३|११६४।२२ अणीय ( अनीक ) उ १।१४६; १४७ अणु (अणु) प ११६४,६५,६६।१ २८।१४,१५, ६०,६१ ज ७१४३,५०,१६८ सु ६।१२; १७१ : १८२, ३; १६/२१ ८२१ अणु (अनृतु) सु १०।१२६॥३ अणुतनुक (दे०) ज ३११०६ अणुगंतव्य ( अनुगन्तव्य ) प १/४८ २०४० : १५।५५ ज ७ १३४ ~ अणुगच्छ ( अनु + गम् ) अणुगच्छइ ज ३१६ ; ५।२१ उ ३।१०१ अणुगच्छति ज ३ १०,११,५१,८६,८७ अणुगच्छति प १६४८ अगच्छमाण (अनुगच्छत् ) ज ३।१८,३१,१८० अणुगच्छित्ता (अनुगम्य ) ज ३३६ उ ३११०१ अम्माण (अनुगम्यमान ) उ३।१३० अणु हिमाण ( अनुगृण्हान ) उ १।१०७,१०८ ~ अणुचर ( अनु + चर् ) अणुचरति १६।२२।११ अणुचरंत ( अनुचरत् ) सू १९२२।११ अणुचरिय ( अनुचरित) ज ३।१२,२८,४१,४६,५८ ६६,७४,१४७, १६८,२१२,२१३ अणुजाण ( अनु --- ज्ञा ) अणुजाण ३१५१ अणुजाय (अनुयात) ज ३।२२,३५,३६ अणुडिया ( अनुतटिका ) प १११७७ अणुतडियाभेद (अनुतटिकाभेद ) प ११३७,७६ अणुर्ताsयाय (अनुतटिका मेद ) प ११।७३ अणु (अणुत्व) ज ७ १६६ सू १८/३ अणुत्तर ( अनुत्तर) प २२७, २७४ २१४६,६३; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003579
Book TitleAgam 23 Upang 12 Vrashnidasha Sutra Vanhidasao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages394
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vrushnidasha
File Size7 MB
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