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________________ कीलग-कुप्पर ८८१ कोलग (कोलक.) ज ५१३२ कीलण (क्रीडन) प २१४१ कोलायण (क्रीडन) उ १163 से ६६ कीस (स्मिात् ३१५७८२ कीसत (शी शता) प २८१२४,३६,४२,४५,७१ कुंकुन (ककुम) ज ३१३५ कुंकुमपुड (ककुमपट) - ४११०७ कंजर (कुमार) ब ११३७२११०१, ३१३ ; ४।२७; ५२८ कुंड (कुण्ड) म ११॥२५ ज ४।२५,४०,६७,६८, ७१,७५,६०,६२,१३४ ने २७६,१८२,१८३, १८८,१८६१६४६१८ कुंडल (वृण्डल) २१३०,२१,४१,४६.५०%3 १५०५५.? ३.६.१८,२६,६३,१८०, २११,२२२,४१२०२५३१८,२१.६७ सू १६।३१ कुंडलवर (कुंडलवर) सू १६६३१ कुंडलवरोद (कुडलवरोद) सू १६।३१ कुंडलवरोभास (डलबरावनाम) सू १६।३१,३२ कुंडलोद (कुण्डलोद) सू १६६३१ कुंत (कुत्त) प१४१ ज ३।१७८ कुंदग्ग (कुन्नार) उ २१११५,११६ कुंतम्गाह (कुताह) ज ३१७८ कुंथु (कुथु) प १२० कुंद (कुन्द) प १।३।३, २१३१,१७११२८ जरा१०.१५३1३.१२.३५, ८ ५८ कुंद (लता) (वृन्दलता) प ११३९१ कुंदरुक : (दश).२६५,३८८ एक कर __ और उन सिकी तबीयानी है कंदुरुक्क ( वा) ॥ ३०, ३ १ ज ३१७.१८८५13:५८ सू २०१७ कुंभ (कुम) ज ३,५६,१२०,१४५,७१७८ उ १६७ कुंभगत (भा प्रस्) ११०६.११० कंभिक्क (कम्भिक, भात) ज ५१३८ कुंभी (कुम्भी) ज ३१६२ कुक्कुड (कुक्कुट ! प ११५१११,१७६ कुक्कुडि (कृकुटी) उ ११६:३,८४ कुक्कुह (दे.) ११५१११ कुच्च (वर्च प ११३७५ 1 कुच्छ (कुल) कुच्छेजा ज २१६ कुच्छि (कुक्षि) । ११७५२ २१६.६३ सू २०१२ उ ३१९८५॥३० कुच्छि (कुक्षि) २०४३ अडतालीस आंगुल का मान कुच्छितिरिय (कृक्षिकृमिक) प ११४६ कुच्छियहत्तय (कुक्षिपृथक्त्वि क) प १७५ कुज्जय (ब्जा.) प १३८११ कुज्जाय ( ) ज २११० कुमा (हातल) ज ३१६,२२२ कुठायाण (कुस्थानामन) २२१३३ कुडगछल्ली (कुटज छल्ली) प १७११३० कुडगपुष्फरालि (कूट अपुप्पराशि) प १७११२८ कुडगफल (कुट फल) १७११३० कुडगफाणिय (टफाणित) प ११३० कुडभी (कुडमी) ५.४३ कुडय (कुटको पश३६।३,१६४२१७४१३० ज३३५ कुडुंब (कुटुम्व) 3 ३१११,१३,५०,५५ कुडंबजारिया (कूटम्बजागति) १११५ २४८, ०.७६,६८,१०६,१३१ कुडुमय (कर) (कुम्बादप ११४८०४३ कुक (दुण) प ११४७ कशाला (वृणाला) ११६५ लिम (दे णप) ज २११४६ कुराहार ('वृणिः'माहार) ज१३५ ते १३७ कुत्युंभार (कुस्तुमरी) प ११३६१२,३७१२ कुदंतण (कुदर्शन ) ए १११०१।१३ कट्टि (कुदृष्टि) प ११०१।११ कुपमाप (कुत्रमाण) ज २:१३३ कुष्पर (नयर) ज ३१२२,३५,३६,४५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003573
Book TitleAgam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Chandapannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_chandrapragnapti
File Size12 MB
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