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________________ १२२ णसगवेद-णक्य णपुंसगवेद (नपुंसकवेद) प १८१६२; २३१३६,८२, णरवइ (नरपति) ज ३।६,१७,१८,२१,२४१४, १४३,१४८,१५० ३।२८,३०,३४,३५,३७४२,४१,४५।२,४६,८८, णपुंसगवेदग (नपुसकवेदक) १३।१४,१५,१८ ६१ से ६३,१०६,१३१४,१३६,१४१,१७७, णपुंसगवेदय (नपुंसकवेदक) प २८१४० १८०,१८३,२०१,२१४,२२२ णपुंसगवेय (नपुसकवेद) प २३११४५ परवति (नरपति) ज ३११२६२ नपुंसगवेयपरिणाम (नपुंसकवेदपरिणाम) प १३.१३ परवरिद (नरवरेन्द्र ) ३।१३५१२ पपुंसय (नपुंसक) प ३३१८३ गरसभ (नरवपन) ज ३१८,६३,१८० णभ (नभ) ज २१६५ सू २०१२ णरसीह (नरसिंह) ज ३।१८,६३,१८० णभसूरय (नभःशूक) मू २०१२ रिद (नरेन्द्र) ज ३१६.६,१८,३२।१,२,६३,११७, णमंस (नमस्य) नमसइ ज ६०५।२१,५८,६८ १२६।१,१८०,२२१,२२२ णमंसति उ ११२१ णमंसामि उ १११७ णल (नल) प १४११ णमंसण (नभस्यन) उ १।१७ णल (नड,नल) प ११४१।१,१४८१४६; ११७५ णमंसमाण (नमस्यत्) ज ११६,२१६०,३।२०५, णलिण (नलिन) ज२४;४।३,२५,२१२,२१२।१ च ११ २०६:५४५८ णलिणंग (नलिनांम) ज २४ णमंसित्ता (नमस्यित्वा) में २१६० उ ११२१ पलिणकड (नलिनबाट) ज ४।१६० से १६३ णमि (नमि) ज ३११३७ से १३६ पमिय (नत) ज २११५ णलिणा (नलिना) ज ४१५५।१,२२२।१ गव (नवन ) प ११५१ ज १।२० सू १०१२ णमो (नमस्) ज १।१३।२४।१,१३१ अमोत्थु (नमोस्तु) ज ५१५,२१,४६,५८,६५ णव (नव) प २१५० ज ५।१८ चं ११ गवई (नवनि ) ज ४२१३ णय (नय) प १६।४६ णय (नत) ज ४.१३ णवग (नवक) प १८१ पयगति (नवगति) प १६।३८,४६ णवणउइमंगुलपरिणाह (नबनवतत्यङ्-गुलपरिणाह) ज३११०६ जयठ्ठया (नयार्थता) सू १११३ णवणवति (नबनर्वाल) ज ४२१३ णयण (नयन) पश३१ ज २११३,६०,१०३,१०६, वजहदति (नवनिविपति) ज ३१२६२,१७५ १०८,१३३,३१३,६,६५,१०६,१३८,५२१ णवगोड्या (ननीतिका) प ११३८।३ ज २०१० णयणमाला (नयनमाला) जश६५,३३१८६,२०४ जयर (नगर) ज ५७०,७२ र ३।१०१ णवणीत (नवनीत) मू१०।१२०,२०१७ णयरी (नगरी) ११६३।६ ज श२,३,७१२१४ णवणीय (नवनीत) प १११२५ ज ४.१३ णयविहि (न विधि) प १११०१६ णवम (नवम) प १७१६६ ज ७।११४१२ सू १०७७, जर (नर) ज ११३७; ११०१,१३३,३१६२,११६, १२४।२।१३।१० १७८,१८६,२०४४१२७,५२८ णवमालिया (नवमालिका) ज ३११२,८८,१०६ णरकता (नरकान्ता) ज ४२६६,२६८,२६६३२; ५५८ ६१२१ णमिव (नवमीपक्ष ) ज २६६४ परः २) ११९० से २७ ज २१३५ से १३७ मियामका ज ५११००१ परगाव, काना) प २२६ पवमी (नवबी) ल १९११. णरदाय णय नरदापनि) ११६६ गवयपदक प२४०,८३,४४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003572
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages617
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size12 MB
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