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________________ करित्तए-कसरि करित्तए (कर्तुम् ) प २८।१०५ ज ५१२२ ७८,८८,६१,१४७,१६८,१७३,१७५,१८४, करीर (करीर) प ११३७/४ करील १६६,२१२,२१३, ४।२७,४६ १६६५७ करेंत (कुर्वत्) ज २१६५ २८,४३ सू २०१७ उ १२१२३,५१८ करेत्तए (कर्तम् ) प ३४।१६,२१ से २४ ज २१६० कलुय (कलुक) प ११४६ उ३१११५ कलुस (कलुष) ज २।१३१ करेत्ता (कृत्वा) प ३६१६२ ज ११६ सू २११ कलेवर (कलेवर) प १३८४ सू २०११ उ ११९३७, ४११३ कल्ल (कल्य) ज ३.१८८ उ ३।४८,५०,५५,६३, करेमाण (कुर्वत्) ज २६५,७८ ; ३।२२,२८,३१, ६७,७०,७३,१०६,११८ ३२,३४ से ३६,५४,७८,८६,६३,६६.१०२ कल्लाण (कल्यानी) प १५४१२ जंगली ३३८ १०६,१११.११३,१३७,१४३,१५६,१६२, कल्लाण (कल्याण) ज १११३,३०,३३,३६; १६३,१८०,२०४ से २०६,२०८.२०६,२२३ २११८,६४,६७,४१२ सू १८।२३ उ १।१७, उ १२२,६५,६६,७१,६४,१११,११२,१३८, ४१,४४,५।३६ १४०, ३१५० कल्लाणग (कल्याणक) प २।३०,३१,४१,४६ कल (कल) प ११४५११ ज १३७ सालवृक्ष ज ३१६,२२२ कलंकलीभाव (कलंकलीभाव) परा६४ कल्हार (कल्हार) प ११४६ सफेद कोइ, एक पुष्प कलंबुया (कदम्बक) प ११४६; १५:२.१८ सू ४१३, कवड (कपट) ज २११३३ ४,६,७,६१६॥२२१२,१५,१६।२३ कवय (कवच) प २१६४।२१ ज ११३७, ३१३१, कलकल (कलकल) ज २१६५, ३।२२,३६,७८,६३, ७७.७६,६६,१००,१०१,१०७,११६,१२४ ६६.१०६,१६३.१८०, ७१५५,१७८ सू १६।२३ उ ११३८ उ १११३८ कलकुसुम (कलकुसुम) प १७११२५ कवाड (कपाट) प २१८,३०,३१,४१ ज २२४; कलताल (कलताल) ज ३१३१ ३।८३,८५,८८ से १०,१०२,१५४ से १५७, कलस (कलश) प२३०,३१४१ ज २।१५) १६२,१६७।१२ ३११७८,२०६४१२८,५१५६ से ५८ कविजल (कपिञ्जल) प १७६ उ ३१५१,५६ कविट्ठ (कपित्थ) प ११३६३१, १६:५५१७११३२ कलह (कलह) प २।४१२२।२० ज २१४२.१३३ ज ३।११६; १७६ कथ कलहंस (कलहंस) प १७६ ज २०१२ कविट्ठाराम (कपित्थाराम) उ ३१४८,५५ कला (कला) ज २१६४७१३४११ सू१०।१४२, कक्लि (कपिल) ज २।१२,६५,१३३ १४७,१२।३० उ ५११३ कविलय (कपिलक) सू २०१२ राहु का नाम कलाव (कलाप) प २१३०,३१,४१:१५२६% कविसीसग (कपिशीर्षक) ज ३११४।११४ २११२५ ज ३७,८८.११७ कविसीसय (कपिशीर्षक ) ज ४१११४ कलिंग (कलिङ्ग) प १।६३११ कवीय (कपोत) प १७६ ज २१६ कलिद (कलिन्द) पश६४.१ कवोल (कपोल) ज २०१५ कलिय (कलित ) प २१३०,३१४१,४८ ज ३।१०, कव्व (काव्य) ज ३।१६७।१० १५.६५, ३१७ १२,१५,२१,२२,२८,३१, कस (कष) ज २१६७, ३११०६ ३२।२,,३४ से ३६,४१ ४६,५८,६६,७४,७७, कसरि (दे०) सू १०।१२० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003572
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages617
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size12 MB
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