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________________ १०३२ लोभसमुग्धाय (लोमस मुद्धात ) प ३६ ४२, ४४ से ४६,४८ से ५१ लोम (लोमन ) प २।२० से २७ ज ३१३, १०६; ७१७८ लोप (पक्षिन् ) प १७७,७६ लोमहत्य ( लोमहस्त) ज ३३८८ लोमहत्थग (लोमहस्तक) ज ३।१२ लोमहत्यगपटलहत्यगय ( हस्तगतलोम हस्तकपटल ) ज ३ । ११ लोमाहार (लोमाहार) २८११२,२८१४०,६६, १०२,१०३ लोमाहारत (लोमाहारत्व ) प २८।४०,६६ लोय (लोक) प ११४८ ५८ ५६, २१ से ३१,४६, ४६:३३।१३ सू २1१:१६ १,२१ उ ३११३ लोय (लोच) ज २२६५; ३।२२४ उ ३।११३ लोयंत (लोकान्स) प २।६४।१०; ११।७२ सू २१ १८/६ लोयग्ग ( लोकाय ) प २४६४, २०६४/३ लोयग्गथूमिया ( लोकाग्रस्तूपिक ) प २६४ लोयग्गपडिबुज्झणा ( लोकप्रतिबोधना ) प २६४ लोयण (योचन) ज ७ १७८ लोणाभि (लोकनाभि ) सू ५११ लोमज्ज्ञ (मध्य) सू ५११ लोयाणी (दे० ) प ११४८६ लोल (लोल) ज २११२ लोह (लोभ) ज २६६ लोह (लोह) ज ३१३,३५,१६७८ लोहा (लोह) उ ३१५०,५५ लोहकसाई (लोभकपाविन्) प ३६८ लोहदंडग ( लोहदण्डक) ज ३११०६ लोहबद्ध (व) ज ३१३५९ लोहखमय ( लोहिताक्षम ) ज ४|१३ लोहि (लोह) प १।४८।१ सफेद सुहागा लोहिच्च ( सौहित्य) ज ७ १३३।२ लोहिच्चायण ( लोहित्यान) सू १०।१०४ १. लोचनी - बड़ी गोरखमुण्डी । Jain Education International लोभस मुग्धाय - वइर (वासा) लोहित ( लोहित) प ५१२०५ सू २०१२ लोहितक्ख ( लोहिताक्ष) ज ७ । १८६३१ सू २०१८ लोहिय ( जोहित ) प १४ से ६ : ५१५, ७, १११५३ ; १७ १२६ २३/१०३:२८/३२,६६ ज ४१२६ सू २०१२ लोहियक्ख ( लोहिताक्ष ) प ११२०१३ २१३१,३२ ज ४ १०६ ; ५५ सू २०१८ |१ लोहियक्खकूड ( लोहिताक्षकूट) ज ४ । १०५ लोहिक्मणि ( लोहिताक्षमणि ) प १७।१२६ लोहियक्खमय ( लोहिताक्षमव) ज ४२६ लोहियक्खामय ( लोहिताक्षमय ) ज ३ | ३० लोहियपत्त ( लोहितपत्र ) प ११५१ लोहियमत्तिया ( लोहितमृत्तिका ) प १११६ लोहित ( लोहितसूत्र ) प १७।११६ हसणकंद (लगुनकन्द ) प ११४८१४३ ल्हसिया ( व्हासिक, लासिक ) प ११८६ व व ( ब ) प ११०१६ ज ३३११३ चं २११ सू ११६ इ (वाच् ) प १६ १, ७,२३।१५,१६ ज २२६८ बइल (दे० व्याल) १ १ ३ १ बइगुत्त (वाग्गुप्त ) २६८ वइजोग (वाग्योग ) प २०१३८ ३६ ८६,६८,६०, ६२ वइजो परिणाम (वायोगपरिणाम ) प १३७ वइजोगि (बाग्योगिन् ) प ३।६६; १३ १४; १८१५६; २८।१३८ वत्ता (वदित्वा ) ज ५३ वयरिय (व्यतिचरित) सू २०१२ वाइयोगि ( वाग्योगिन् ) प १३|१७ वर (वज्र ) ५ ११२० १ २ ३० ज ३।१२,१८, २४,३५,८८, १०२, १८४,२१६; ४३,२५,४६, ६७,२३८,२५४; ५।५,१३,२८,५८७११७८ वरसह (वज्रऋषभ ) ज ३१३ वइरकूड (वज्रकूट ) ज ४।२३६ वर (वासा) ( वज्रव) ज ५।५७ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003571
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Pannavanna Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages745
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size14 MB
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