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________________ पंचवीसइमं सतं (पंचमो उद्देसो) ६३३ २४६. थोवे णं भंते! कि संखेज्जा० ? एवं चेत्र । एवं लवे वि, मुहुत्ते वि, एवं ग्रहो रने, एवं पक्खे, मासे, उऊ, ग्रयणे, संवच्छरे, जुगे, वाससए, वाससहस्से, वाससयसहस्से, पुब्वंगे, पुढे, तुडियंगे, तुडिए, अडडंगे, अडडे, अववंगे, अववे, 'हूहूयंगे, हूहूए", उप्पलंगे, उप्पले, पउमंगे, पउमे, नलिणंगे, नलिणे, 'प्रत्थनिपूरंगे, ग्रत्थनिपूरे", उयंगे, श्रउ, नउयंगे, नउए, पउयंगे, पउए, चूलियंगे, चूलिए, सोसपहेलियंगे, सीसपहेलिया, पलिश्रोत्रमे, सागरोवमे, श्रसप्पिणी । एवं उस्सप्पिणी वि ॥ २५०. पोरगलपरियट्टे णं भंते! कि संखेज्जा समया -- पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा समया, नो असंखेज्जा समया, अनंता समया । एवं तीयद्धा, श्रणागयद्धा, सव्वद्धा ॥ २५१. आवलिया णं भंते ! कि संखेज्जा समया -पुच्छा । गोयमा ! नो संखेज्जा समया, सिय श्रसंखेज्जा समया, सिय अनंता समया ॥ २५२. प्राणापाणू णं भंते ! किं संखेज्जा समया० ? एवं चेव ।। २५३. थोवा णं भंते! कि संखेज्जा समया० ? एवं चैव । एवं जाव ग्रोसप्पिणीओ त्ति ॥ २५४. पोग्गलपरियट्टा णं भंते! कि संसेज्जा समया - पुच्छा | गोयमा ! नो संखज्जा समया, नो असंखेज्जा समया, अणंता समया ॥ २५५. ग्राणापाणू णं भंते! कि संखेज्जाश्रो आवलिया - पुच्छा | गोयमा ! संखेज्जाओ आवलियाश्रो, नो प्रसंखेज्जाश्रो श्रावलियाम्रो, नो अणताश्रो आलिया । एवं थोवे वि । एवं जाव सीसपहेलियति ॥ २५६. पलिग्रोव मे णं भंते ! कि संखेज्जायो ग्रावलिया - पुच्छा ! गोयमा ! नो संखेज्जाश्रो आवलिया, प्रसंखेज्जाओ आवलियानो, नो श्रणंताओ ग्रावलिया । एवं सागरीवमे वि । एवं ग्रोसप्पिणी वि, उस्सप्पिणी वि ॥ २५७. पोग्गलपरियट्टे - पुच्छा ! गोयमा ! नो संखेज्जाओ ग्रावलियाओ, नो असंखेज्जाश्रो ग्रावलियानो, प्रणता आवलियाम्रो । एवं जाव सव्वद्धा ॥ २५८. आणापाणू णं भंते! किं संखेज्जाओ आवलियाश्रो -- पुच्छा । Jain Education International गोयमा ! सिय संखेज्जाश्रो ग्रावलियाग्रो, सिय असंखेज्जाओ, सिय प्रणताओ । एवं जाव सीसपहेलियाओ || २५६. पलिश्रवमा णं- पुच्छा ! १- हुहुयंगे हुहुए ( अ ) ; हृहुयंगे हुहुए (ता) । २. प्रथिनिन्भरंगे अत्थिनिब्भरे ( अ ) । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003561
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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