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________________ मिश्रद्रव्योपक्रम क्षेत्रोपक्रम कालोयक्रम भावोपक्रम उपक्रमवर्णन की शास्त्रीय दृष्टि xxxx आनुपूर्वीनिरूपण प्रानुपूर्वी निरूपण नाम-स्थापना आनुपूर्वी द्रव्यानुपूर्वी नैगम-व्यवहारनयसम्मत अनोपनिधिको द्रव्यानुपूर्वी के भेद नंगम-व्यवहारमयसम्मत अर्थपदप्ररूपणा और प्रयोजन नैगम-व्यवहार नयसम्मत भंगसमुत्कीर्तन और उसका प्रयोजन नैगम-व्यवहारनयसम्मत भंगोपदर्शनता समवतारप्ररूपणा अनुगमप्ररूपणा सत्पदप्ररूपणा द्रव्यप्रमाण क्षेत्रप्ररूपणा स्पर्शनाप्ररूपणा कालप्ररूपणा अन्तरप्ररूपणा nxn Toद दर 0.KOM भागप्ररूपणा भावप्ररूपणा अल्पबहुत्वप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत अनोपनिधिकी द्रव्यानपूर्वीप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता एवं प्रयोजन संग्रहनयसम्मत भंगसमुत्कीर्तनता एवं प्रयोजन संग्रहनयसम्मत भंगोपदर्शनता समवतारप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत अनुगमप्ररूपणा सत्पदप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत क्षेत्रप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत स्पर्शनाप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत काल और अन्तरप्ररूपणा संग्रहनयसम्मत भागप्ररूपणा [10] For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003500
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla, Devkumar Jain Shastri
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1987
Total Pages553
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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