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________________ श्रीमान् सेठ मांगीलालजी सुराणा [जीवन-रेखा] राजस्थान के जैन बन्धु भारतवर्ष के विभिन्न अंचलों में जाकर बसे हैं और जो जहाँ बसा है वहाँ उसने केवल व्यावसायिक एवं प्रौद्योगिक प्रगति ही नहीं की है, किन्तु वहाँ की सामाजिक प्रवत्तियों में, शैक्षणिक क्षेत्र में और धर्मसेवा के विविध क्षेत्रों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। यहाँ जिनकी जीवनरेखा अंकित की जा रही है, वे श्रीमांगीलाल जो सा. सुराणा, दिवंगत धर्मप्रेमी, समाजसेवी, वात्सल्यमूर्ति सेठ गुलाबचन्द जी सा. के सुपुत्र और मातुश्री पतास बाई के पात्मज हैं, जिन्होंने अपने पिताजी की परम्पराओं को केवल अक्षुण्ण ही नहीं रक्खा है, अपितु खुब समृद्ध भी किया है। साप सिकन्दराबाद (ग्रान्ध्र) के सुराणा-उद्योग के स्वामी हैं। आपका जन्म नागौर जिले के कुचेरा ग्राम में दिनाङ्क 8 नवम्बर सन् 1930 को हुआ था। उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से पाप वाणिज्य विषय में स्नातक हुए और फिर विधिस्नातक (LL. B.) की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। उच्च शिक्षा प्राप्त करके आप अपने पत्रिक व्यवसाय में लगे किन्तु आपका व्यक्तित्व उसी परिधि में नहीं सिमट रहा / व्यवसाय के साथ विभिन्न संस्थानों के साथ आपका सम्पर्क हपा, उनकी सेवा में उल्लेखनीय योग दिया, उनका संचालन किया और आज तक वह क्रम लगातार चाल है। आपके सार्वजनिक कार्यों को सूची विशाल है। जिन संस्थाओं के माध्यम से आप समाज की, धर्म की और देश की सेवा कर रहे हैं, उनकी सूची से ही आपके बहुमुखी कार्यकलापों का परिचय प्राप्त किया जा सकता है। आप निम्नलिखित संस्थानों से सम्बद्ध हैं, या रहे हैं - 1. अध्यक्ष-श्री जैन सेवासंघ, बोलारम 2. प्रबन्धकारिणी सभा के सदस्य-अ. भारतीय स्था. जैन कॉन्फरेंस 3. भूतपूर्व अध्यक्ष-फैडरेशन ऑफ ए. पी. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज 4. डाइरेक्टर-ए. पी. स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन 5. डाइरेक्टर-इण्डियन ओवरसीज बैंक, मद्रास 6. अध्यक्ष-साधन-मन्दिर एज्युकेशन सोसाइटी (जो हिन्दी माध्यम से हाई स्कूल चलाती है) 7. अध्यक्ष-हिन्दीप्रचार सभा, जोलारम 8. अध्यक्ष-फण्ड एमेच्यूर पार्टिस्ट एसोसिएशन, हैदराबाद 9. ऑनरेरी जनरल सेक्रेटरी-अखिल भारतीय निर्मातासंघ, ए. पी. बोर्ड, (लगातार छह वर्षों तक) 10. अध्यक्ष-नेच्यूर म्यूर कॉलेज, हैदराबाद 11. अध्यक्ष--प्रानन्द प्राध्यात्मिक शिक्षण संघ ट्रस्ट, सिकन्दराबाद 12. अध्यक्ष-जैन श्रीसंघ, बोलारम [8] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003498
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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