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पंचम अध्ययन : द्वितीय उद्देशक: सूत्र ५८३
के लिये जाते समय सभी वस्त्र साथ में लेकर जाने का विधान है। जबकि द्वितीय सूत्र में अत्यंत वर्षा हो रही हो, कोहरा तेजी से पड़ रहा हो, आँधी या तूफान के कारण तेज हवा चल रही हो, तिरछे उड़ने वाले त्रस प्राणी गिर रहे हों तो उस समय वस्त्र साथ में लेकर जाने का ही नहीं, उपाश्रय से बाहर निकलने या भिक्षा आदि स्थलों में प्रवेश करने का भी निषेध है । यह विधान और निषेध परस्पर विरुद्ध नहीं है, अपितु प्राणि - विराधना एवं आत्म-विराधना होने की संभावना से निषेध है और अपहरण किये जाने, द्वेषवश फैंक दिये जाने या शस्त्रादि रखकर दोषारोप लगाने या भक्तिवश गृहस्थ द्वारा धोकर, रंगकर या सुवासित करके देने की आशंका से विधान है। अधिक उपधि का निषेध करना भी इस विधान का आशय हो सकता है।
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प्रातिहारिक - वस्त्र - ग्रहण - प्रत्यर्पण - विधि
५८३. से एगतिओ मुहुत्तगं २ पाडिहारियं १ वत्थं जाएजा जाव एगाहेण वा दुयाहेण २ वा तियाहेण वा चउयाहेण वा पंचाहेण वा विप्पवसिय २ उवागच्छेज्जा, तहप्पगारं वत्थं it अप्पा गेहेज्जारे, नो अन्नमन्नस्स देज्जा, नो पामिच्चं कुज्जा, णो वत्थेण वत्थं परिणामं करेज्जा, णो परं उवसंकमित्ता एवं वदेज्जा — आउसंतो समणा! अभिकंखसि वत्थं धारित्तए वा परिहरित्त वा? थिरं वा णं संतं णो पलिछिंदिन २ परिट्ठवेज्जा, तहप्पगारं वत्थं ससंधियं तस्स चेव निसिरेज्जा, नो णं सातिज्जेज्जा ।
गति एयपगारं निग्घोसं सोच्चा निसम्म 'जे भयंतारो तहप्पगाराणि वत्थाणि ससंधियाणि ५ मुहुत्तगं २ जाव एगाहेण बा दुयाहेण वा तियाहेण वा चउयाहेण वा पंचाहेण वा विप्पवसिय २ उवागच्छंति, तहप्पगाराणि वत्थाणि नो अप्पणा गिण्हंति, नो अन्नमन्नमस्स दलयंति, तं चेव जाव नो साइज्जंति, बहुवयणेण ६ भाणियव्वं । से हंता अहमवि मुहुत्तं पाडिहारियं वत्थं जाइत्ता जाव एगाहेण वा दुयाहेण वा तियाहेण वा चउयाहेण वा पंचाहेण वा विप्पवसिय २ उवागच्छिस्सामि, अवियाई एतं ममेब सिया, माइट्ठाणं संफासे, णो एवं करेज्जा ।
१. 'पाडिहारियं वत्थं' के बदले कहीं-कहीं पाठान्तर है - 'पाडिहारियं बीयं वत्थं' अर्थात् प्रातिहारिक दूसरा वस्त्र मांगे।
२. 'दुयाहेण ' के बदले पाठान्तर है— दुवाहेन । अर्थ समान है।
३. 'णो अप्पणा गेहेज्जा' के बाद अतिरिक्त पाठ है— 'नो परं गिण्हाविज्जा ।' अर्थात् — दूसरे को लेने न दे।
४. 'से एगतिओ' पाठ किसी किसी प्रति में नहीं है।
'ससंधियाणि' पाठ किसी-किसी प्रति में नहीं है।
५.
६. 'बहुवबणेण भाणियव्वं' के बदले पाठान्तर हैं— 'बहुवयणेण भासियव्वं', 'बहुमाणेण भासियळं' इनका क्रमश: अर्थ है- बहुवचन से आलापक कहना चाहिए। बहुमानपूर्वक बोलना चाहिए।