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________________ 2.LS.DER बात उन दिनों की है, जब यूनान में गुलामी की प्रथा प्रचलित थी और प्रत्येक धनी के घर गुलाम रखना अनिवार्य समझा जाता था। _डायोजिनीज नामक एक धनी के पास केवल एक ही गुलाम था। दूसरे धनी अपने गुलामों के साथ मनमाने अत्याचार करते थे जबकि डायोजिनीज अपने गुलाम के साथ बड़ी नम्रता से पेश आता। फिर भी उसका गुलाम एक दिन उसे छोड़कर भाग गया। डायोजिनीज चाहता तो अन्य धनिकों की तरह उसे पकड़वा मँगवाता, पर उसने ऐसा नहीं किया, न मन में बुरा ही माना; बल्कि उसके जाने के बाद से वह सारे काम अपने हाथों से करने लगा। ___ लोगों से यह बरदाश्त न हुआ। वे उसकी निंदा करने लगे कि वह पक्का डरपोक है। यह आरोप डायोजिनीज से सहन न हुआ। वह उन धनिकों से शांत स्वर में बोला, 'सोचा तो, मेरा गुलाम मेरे बिना रह सकता है तो मैं उसके बिना क्यों नहीं रह सकता !" और अपनी राह भी आप ही बनानी होती है | हर एक को अपना स्वर्ग आप बनाना होता है fain Education Interfonal For Private & Personal Use Only www.jainterlorerarg
SR No.003221
Book TitleStory Story
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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