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________________ दो मुसाफिर जंगल में मिले। दोनों खुश हुए। सोचा, एक से दो भले । अचानक कोई मुसीबत आ पड़े तो मिलकर सामना तो कर सकेंगे ! तभी झाड़ियों में से एक भालू बाहर आया । भालू को देखकर एक मुसाफिर, जो पतला-दुबला था, फौरन पेड़ पर चढ़ गया। दूसरा, जो काफी मोटा था, उसके लिए तो पेड़ पर चढ़ना या तुरंत भाग निकलना मुमकिन नहीं था । वह फौरन जमीन पर औंधा लेट गया । भालू उसके करीब आया। उसने साँस रोक्ने ली । भालू ने सोचा, यह तो मुरदा है, इसको क्या मारना ! सूँघ -साँघकर वह आगे बढ़ गया। थोड़ी देर बाद पेड़ पर चढ़ा यात्री नीचे उतरा और मोटे सहयात्री से पूछा, “यार ! मैंने देखा, भालू तुमसे कानाफूसी कर रहा था। क्या कहा उसने ?" मोटे मुसाफिर ने जवाब दिया, "भालू ने कहा कि..." भालूने कहा था.... لاله 0 0 0 0 0 0 0 काम न आए उसे मित्र नहीं कहते । जो वक्त पर For Private & Personal Use Only Jain Education International
SR No.003221
Book TitleStory Story
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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