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________________ धैर्य की महत्ता एक महान विचारक एकान्त-शान्त क्षणों में बैठा हुआ चिन्तन कर रहा था कि महिलाएं कानों में चमचमाते हुए स्वर्ण के आभूषण पहनती हैं और आँख जो शरीर में सबसे अधिक कीमती अंग है उसमें काला अंजन लगाती हैं इसका क्या रहस्य है ? क्या आँख से भी कान का अधिक महत्त्व है ? तभी प्रज्ञा ने उत्तर दिया-महत्त्व कान का नहीं अपितु आँख का है; पर आँख में कान की अपेक्षा एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है कि उसे तीक्ष्ण शस्त्र से छेदा भी जाता है तब भी वह घबराता नहीं है किन्तु आँख में वह धैर्य कहाँ है ? जरा-से रजकण के गिर जाने से वह घबरा जाती है और आँसू बहाने लगती है। दूसरी बात आँख में चपलता भी है इसी कारण उसको काला किया जाता है। Jain Education Internationale personal [email protected]
SR No.003194
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1979
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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