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________________ धर्म और दर्शन वह ग्रामवासी है तो ग्राम के प्रति, नगर निवासी है तो नगर के प्रति और जिस राष्ट्र का नागरिक है, उस राष्ट्र के प्रति उसका किस प्रकार का सम्बन्ध होना चाहिए ? अन्ततः समग्र विश्व के प्रति उसका क्या कर्त्तव्य है ? इन सब कर्त्तव्यों का समावेश धर्म में होता है । यही कारण है कि हमारे दीर्घदृष्टि शास्त्रकारों ने जहाँ आत्मधर्म का निरूपण किया है वहीं ग्रामधर्म; नगरधनं और राष्ट्रधर्म आदि का प्रतिपादन भी किया है और समग्र विश्व के कल्याण की कामना करने की भी प्रेरणा की है । और यह तो सहज ही समझा जा सकता है कि विश्वकल्याण की कामना कोरी कामना ही नहीं है, वरन् उसके लिए यथाशक्ति प्रयास करना भी उसमें गर्भित है । विश्व के हित की कामना की जाय, किन्तु तदनुकुल प्रयत्न न किया जाय तो वह कामना आत्मवञ्चना से अधिक और क्या होगी ? तथ्य यह है कि लोककल्याण और आत्मकल्याण दो पृथक्-पृथक् कर्त्तव्य नहीं हैं । ये दोनों सम्मिलित होकर ही धर्म का रूप ग्रहण करते हैं | सच्चा धर्मनिष्ठ पुरुष लोककल्याण को श्रात्मकल्याण से भिन्न और आत्मकल्याण को लोककल्याण से भिन्न नहीं मानता। वह लोककल्याण को प्रात्मकल्याण के रूप में ही देखता है और आत्मकल्याण का ही एक आवश्यक अंग मानता । अतएव परोपकार वस्तुतः श्रात्मोपकार ही है । नन्दीसूत्र की टीका इस सम्बन्ध में अवलोकनीय है । ऐसी स्थिति में निश्चयनय के नाम पर या श्रात्मा के नाम पर धर्म को अत्यन्त संकीर्ण दायरे में बन्द करने के जो प्रयास किए जा रहे हैं, २. दसविधे धम्मं पण्णत्ते, तं० गामधम्मे, नगरधम्मे, रट्ठधम्मे, पासंडधम्मे, कुलधम्मे, गजधम्मे, संघधम्मे, सुयधम्मे, चरितधम्मे, अस्थिकाम्मे । - स्थानांग १०-१ ३. सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग् भवेत् ॥ ( ख ) ५. क्षेमं सर्वप्रजानां प्रभवतु बलवान् धार्मिको भूमिपालः । काले काले च सम्यग् वर्षतु मघवा व्याधयो यान्तु नाशम् ॥ दुर्भिक्षं चौरमारी क्षणमपि जगतां मास्म भूज्जीवलोके, जैनेन्द्र धर्मचक्रं प्रभवतु सततं सर्वसौख्यप्रदायि || Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003191
Book TitleDharm aur Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1967
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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