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________________ कर्मवाद 1 के साथ जुड़ा हुआ विजातीय तत्त्व, परिपक्व होकर अपना प्रभाव डालता है, तब उसका नाम 'कर्म हो जाता है। वह अपना प्रभाव दिखाकर विसर्जित हो जाता है कोई भी विजातीय तत्त्व आत्मा के साथ निरन्तर चिपका नहीं रह सकता । या तो वह अवधि का परिपाक होने पर अपना प्रभाव दिखलाकर स्वयं चला जाता है या प्रयत्न के द्वारा उसे विलग कर दिया जाता है । यह विलग करने का प्रयत्न 'निर्जरा' है तपस्या से कर्म निजीर्ण होते हैं, इसलिए उसका (तपस्या का नाम निर्जरा है । निर्जरा का चरमबिन्दु मोक्ष है । मोक्ष का अर्थ है- केवल आत्मा । आत्मा और पुद्गल का जो योग है, वह बन्धन है, संसार है। केवल आत्मा के अस्तित्व का होना, पुद्गल का योग न होना ही मोक्ष है । इसकी अनुभूति धर्म के हर क्षण में की जा सकती है । I । 1 I आश्रव और संवर, बन्ध और निर्जरा - इन चार तत्त्वों को समझने पर ही कर्म की वास्तविकता को समझा जा सकता है । केवल चैतन्य का अनुभव होना संवर है । चैतन्य के साथ राग-द्वेष का मिश्रण होना आश्रव है। इसके द्वारा कर्म परमाणु आकर्षित होते हैं । वे चैतन्य को आवृत करते हैं, ज्ञान और दर्शन की क्षमता पर आवरण डालते हैं । वे आत्मा के सहज आनंद को विकृत कर, उसके दृष्टिकोण और चरित्र में विकार उत्पन्न करते हैं । वे आत्मा की शक्ति को स्खलित करते हैं । कुछ कर्म-परमाणु शरीर-निर्माण और पौगलिक उपलब्धि के हेतु हैं । इस प्रकार आश्रव बन्ध का निर्माण करता है और बन्ध पुण्य-कर्म और पाप कर्म के द्वारा आत्मा को प्रभावित करता है । आत्मा केवलज्ञान के अनुभव की अवस्था को प्राप्त नहीं होता तब तक वह वर्तुल चलता ही रहता है । जीव में भी अनंत शक्ति है और पुद्गल में भी अनन्त शक्ति है । जीव में दो प्रकार की शक्ति होती है १. लब्धिवीर्य योग्यतारूप शक्ति । २. करणवीर्य - क्रियात्मक शक्ति । गौतम ने भगवान् महावीर से पूछा- भंते! जीव कांक्षा- मोहनीय कर्म का बन्ध करता है ?' भगवान् — ' करता है ।' 'भंते कैसे ?' 'प्रमाद से ।' 'भंते! प्रमाद किससे होता है ? ' 'योग (मन, वचन और काया की प्रवृत्ति) से । ' Jain Education International ४५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003147
Book TitleSatya ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size6 MB
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