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________________ ५८. किट्टी पार्टी और महिला समाज विगत कुछ वर्षों से भारतीय महिलाओं में एक नई संस्कृति अपने पांव फैला रही है। उच्च एवं मध्यम वर्ग की महिलाएं उस संस्कृति को उच्चस्तरीय जीवनशैली का अंग मान रही हैं। उसकी पहचान किटी या किट्टी पार्टी के नाम से की जा सकती है। किट्टी पार्टी की सदस्याएं पार्टी द्वारा निर्धारित अर्थ राशि देती हैं, स्नेह मिलन करती हैं, तम्बोला, तास, संगीत आदि मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं, गपशप करती हैं और चाय-नाश्ते के साथ पार्टी का समापन करती हैं। किट्टी पार्टी के आयोजन का मूलभूत उद्देश्य था-एक मध्यमवर्गीय महिला एक साथ हजार-पांच सौ रुपये खर्च कर कोई घरेलू उपकरण नहीं खरीद सकती। पार्टी की सदस्याएं पचीस, पचास, सौ या इससे अधिक-कम अर्थराशि प्रत्येक सदस्या से प्राप्त कर उसे नामांकित पत्र के माध्यम से एक महिला को उपलब्ध करा देती। उससे वह आवश्यक उपकरण खरीद लेती। इस प्रकार प्रतिमास एक-एक सदस्या को वह अर्थ मिल जाता। जिस-जिस महिला के नाम पत्र निकलता, उस-उस नाम को उस चक्र से हटा दिया जाता। आवश्यकतापूर्ति के उस साधन को अब प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया जाने लगा है। आजकल उपकरण के क्रय की बात गौण हो गई है और किट्टी पार्टी धनाढ्य महिलाओं का एक 'चोच' बनकर रह गई है। अब वे उस पार्टी को मनोरंजन अथवा समय पास करने का साधन मानकर उसी रूप में उसका उपयोग करती है। सम्पन्न परिवारों की महिलाएं, जिनको न खाना बनाने की अपेक्षा रहती है और न किसी अन्य घरेलू काम में हाथ बंटाने की आवश्यकता है, पूरे दिन करें क्या? पारिवारिक जीवन में इतने बिखराव और किट्टी पार्टी और महिला समाज : १२७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003144
Book TitleDiye se Diya Jale
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size9 MB
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