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________________ ३८० : सम्बोधि बैंगनी : शरीर के तापमान को कम करने में उपयोगी। रंगों का मन पर प्रभाव काला रंग मनुष्य में असंयम, हिंसा और क्रूरता के विचार उत्पन्न करता है। नीला रंग मनुष्य में ईर्ष्या, असहिष्णुता, रसलोलुपता और आसक्ति का भाव उत्पन्न करता है। कापोत रंग मनुष्य में वक्रता, कुटिलता और दृष्टिकोण का विपर्यास उत्पन्न करता है। अरुण रंग मनुष्य में ऋजुता, विनम्रता और धर्म-प्रेम उत्पन्न करता है। पीला रंग मनुष्य में शान्ति, क्रोध, मान, माया और लोभ की अल्पता व इन्द्रिय-विजय का भाव उत्पन्न करता है। सफेद रंग मनुष्य में गहरी शांति और जितेन्द्रियता का भाव उत्पन्न करता है। मानसिक विचारों के रंगों के विषय में एक दूसरा वर्गीकरण भी मिलता है, जिसका प्रथम वर्गीकरण के साथ पूर्ण सामन्जस्य नहीं है। यह इस प्रकार है : विचार रंग भक्ति बिषयक आसमानी कामोद्वेग-विषयक लाल तर्क-वितर्कविषयक पीला प्रेम-विषयक स्वार्थविषयक हरा क्रोधविषयक लाल-काले रंग का मिश्रण इन दोनों वर्गीकरणों के तुलनात्मक अध्ययन से प्रतीत होता है कि प्रत्येक रंग दो प्रकार का होता है। १. प्रशस्त २. अप्रशस्त कृष्ण, नील और कपोत-अप्रशस्त कोटि के ये तीनों रंग मनुष्य के विचारों पर बुरा प्रभाव डालते हैं तथा अरुण, पीला और सफेद-प्रशस्त कोटि के ये तीनों रंग मनुष्य के विचारों पर अच्छा प्रभाव डालते है।' ओरा दर्शन की प्रक्रिया भौतिक रंगों की तरह इसका रंग भी सत्य है। आंखें अर्ध निमीलित रखें। इस प्रकार बन्द करें कि नीचे की पलकों के नीचे देखा जा सके । फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मन्द प्रकाश में बैठाकर देखते रहें। कुछ समय बाद उसे ज्ञात होगा कि १. मनोनुशासनम्, पृ० १२८-१३० । गुलाबी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003124
Book TitleSambodhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1981
Total Pages510
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size19 MB
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