SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 66
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २२ आ० तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण सामाजिक आदि अनेक भेद किए हैं पर शैली की दृष्टि से उसके मुख्यतः चार भेद हैं : १. भावात्मक २. विचारात्मक ३. वर्णनात्मक या विवरणात्मक ४. आख्यानात्मक या कथात्मक भावनात्मक निबन्ध इसमें लेखक का हृदय बोलता है । इन निबंधों में निजी अनुभूति की गहनता एवं सघनता इस रूप में अभिव्यक्त होती है कि कोई भी विचार लेखक की भावना के रंग में रंगकर बाहर निकलता है । इनमें तर्क-वितर्क को उतना महत्व नहीं होता जितना भावों के आवेग को दिया जाता है। आचार्य तुलसी की अनेक रचनाओं को इस कोटि में रखा जा सकता है। 'अमृत संदेश', 'दोनों हाथ : एक साथ', 'सफर आधी शताब्दी का' 'मनहंसा मोती चुगे', 'जब जागे तभी सवेरा' आदि पुस्तकों के निबंधों को इस कोटि में रखा जा सकता है। विचारात्मक निबंध ___ इन निबंधों में किसी सामाजिक, राजनैतिक या धार्मिक समस्या का अथवा किसी नवीन तथ्य का प्रतिपादन या विश्लेषण होता है। ये निबंध बौद्धिकता प्रधान होते हैं। इनमें तर्क, चिन्तन, दर्शन आदि का भी यथास्थल समावेश होता है पर विषय गांभीर्य बना रहता है । इन निबंधों में भाषा कसी रहती है। 'क्या धर्म बुद्धिगम्य है' ? 'कुहासे में उगता सूरज, 'बैसाखियां विश्वास की' आदि पुस्तकों के निबंधों/प्रवचनों को इस कोटि में रखा जा सकता है। विचारात्मक निबंधों में विचार भाव के आगे आगे चलता है पर भावात्मक निबंध में भाव विचार के आगे चलता है । अतः इन दोनों को ज्यादा भिन्न नहीं किया जा सकता । क्योंकि साहित्य में भावशून्य विचार बौद्धिक व्यायाम है साथ ही विचारशून्य भाव प्रलापमात्र हैं। वर्णनात्मक या विवरणात्मक इनमें किसी स्थिर दृश्य या घटना का चित्रण होता है तथा विस्तार से किसी बात का स्पष्टीकरण होता है । कुछ विद्वान वर्णनात्मक एवं विवरणात्मक को भिन्न-भिन्न भी मानते हैं। आचार्य तुलसी के प्रवचन बहुलता से इसी कोटि में रखे जा सकते हैं। आख्यानात्मक या कथात्मक इस कोटि के निबंधों में कथा को माध्यम बनाकर विचाराभिव्यक्ति की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy