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________________ परिशिष्ट १ चैतन्य जागृति का पर्व - अक्षय तृतीया चैतन्य - विकास की प्रक्रिया चोटों को नहीं सह सकता, वह प्रतिमा नहीं बन सकता चौबीसी में ध्यान के तत्त्व छात्राओं का चरित्र-निर्माण छात्रों का दायित्व जन-जन का मार्गदर्शक जनतंत्र और धर्म जन साधारण का आदर्श क्या है ? जन सामान्य के लिए अणुव्रत की योजना जन्म दिन : एक समूची सृष्टि का जन्म दिन कैसे मनाएं ? जनतंत्र का मौलिक आधार -- जागृत जनमत जनतंत्र की स्वस्थता का आधार जनतंत्र से पहले जन जनमत का जागरण जरूरी जन-सम्पर्क और विकासमान विचारधारा जप : एक मानसिक चिकित्सा जप तप की गंगा जप, ध्यान और कायोत्सर्ग जब आए सन्तोष धन जब जागे तभी सवेरा जब मुख्य गौण हो जाए जब सत्य को झुठलाया जाता है। जयचंदलाल दफ्तरी जयाचार्य : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व जरूरत है ऐसी मां की जरूरत है धर्म में भी क्रांति की ज Jain Education International 15 प्रज्ञापर्व ५९ मंजिल २ / मुक्ति इसी १३/२५ प्रज्ञापर्व जीवन सूरज प्रवचन ९ प्रवचन ११ आगे सोचो ! ३ आलोक में बीती ताहि बंद बूंद १ अणु गति प्रवचन ११ अतीत का वि दीर्घा / राज प्रवचन ५ सफर / अमृत प्रेक्षा प्रज्ञापर्व खो समता जब जागे समता मुखड़ा धर्म एक प्रवचन ४ दोनों सफर / अमृत २२१ For Private & Personal Use Only ४२ १४१ ५१ ३८ १०३ ११४ ७३ १६२ ८ १९० ६० १७८ १८६ १/३ ३२ ११८/८४ २० १६९ ११५ २६१ १ २०६ १७ १८३ १२९ ८७ ८३/३४ www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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