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________________ राष्ट्र चितन शीर्षक पुस्तक पृष्ठ १४१ २३० १८९ १७४ २३ राष्ट्र चिंतन आदर्श राज्य तीन/आ.तु. ३/३४ समाधान के आईने में युग की समस्याएं सफर राष्ट्रीय चरित्र विकास की अपेक्षाएं क्या धर्म समाधान के दर्पण में देश की प्रमुख समस्याएं क्या धर्म राष्ट्र-निर्माण का सही दृष्टिकोण' शांति के सच्चा राष्ट्र निर्माण सूरज मैत्री सम्बन्ध या शक्ति का प्रभाव अणु गति खतरा दुश्मन से दोस्ती का समता २४१ जितने प्रश्न : उतने उत्तर कुहासे स्वतंत्रता का मूल्य धर्म : एक राजनीति और राष्ट्रीय चरित्र अनैतिकता राष्ट्र की तस्वीर कैसे सुधरे ? प्रवचन ४ भारत कहां है ? वैसाखियां गणतंत्र की सफलता का आधार : अध्यात्मवाद आ.तु. समाधान की अपेक्षा क्या धर्म समस्या : समाधान बीती ताहि समाधान की अपेक्षा नैतिकता के एक सपना, जो अब तक सपना। वैसाखियां ११९ समस्याओं के मूल में खड़ी समस्या वैसाखियां ११७ १. २३-३-४७ दिल्ली में पं. नेहरू विचार परिषद' में पठित। के नेतृत्व में आयोजित एशियाई ३. ६-८-५५ उज्जैन । कांफ्रेंस में प्रेषित। ४. १५-८-७७ जैन विश्व भारती । २. २७-९-५३ कुमार सेवा सदन, ५. २६-१-५१ हांसी । जोधपुर की ओर से आयोजित ७ १४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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