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________________ ૨૪ धर्म सिद्धांतों की प्रामाणिकता : विज्ञान की कसौटी पर ' युवक और धर्म धार्मिक पंडित होकर भी अपंडित धार्मिकता की कसौटियां धार्मिक कौन ? मनुष्य धार्मिक क्यों बने ? धर्म और धार्मिक एक है या दो ? ऋजुता साधना का सोपान है सच्चे धार्मिक बनें धार्मिक और ईमानदार धर्म अच्छा, धार्मिक अच्छा नहीं संन्यास संन्यास के लिए कोई समय नहीं होता आध्यात्मिक प्रयोगशाला : दीक्षा' योग्यता की कसौटी भोग से अध्यात्म की ओर दीक्षा क्या है ? " दीक्षा सुरक्षा है दीक्षा क्या है ? समर्पण ही उपलब्धि " भोग से अध्यात्म की भोर समर्पण ही उपलब्धि ३ १० १. २०-१२-६७ लाडनूं । २. २४-४-५७ चूरू । ३. २३-२-७९ राजगढ़ । ४. २६-८-६५ दिल्ली । ५. १३-४-७९ सोनीपत । ६. ११-११-५१ दिल्ली । Jain Education International दीक्षा समारोह, आ तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण प्रवचन ५ घर मुखड़ा वैसाखियां उदबो/ समता वैसाखियां प्रवचन १० बूंद बूंद २ प्रवचन १० वैसाखियां कुहासे मुखड़ा शांति के कुहासे मंजिल २ मंजिल १ प्रवचन १० मंजिल १ मुक्ति: इसी मुक्ति: इसी मंजिल २ १०. १६-१०-७६ सरदारशहर । ११. २३-५-७६ पड़िहारा । १२. ६-६-७६ राजलदेसर । १३. २३-५-७६ पड़िहारा । ११६ ४२ For Private & Personal Use Only २०६ १६५ २३/२३ १६३ १४७ १०३ २० १५९ ७० ३७ ७२ २०५ २३ २३३ १४९ २४ ७. ७-६-७६ राजलदेसर । ८. १९-६-७७ लाडनूं, दीक्षांत प्रवचन | ९. २४-२-७९ राजगढ़ ३६ ३९ २१ www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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