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________________ ६२/ भगवान् महावीर हैं। वे क्रोध के वशीभूत होकर मनुष्यों और पशुओं को रस्सी से बांधकर डाल देते हैं । उनके शरीर के अवयव काट लेते हैं । पशुओं पर अधिक भार लादते : हैं। अपने आश्रित पशुओं को खान-पान बन्द कर देते हैं। अपने कर्मकरों को आजीविका नहीं देते। ये सब निर्मम व्यवहार हैं। अहिंसा व्रत की सुरक्षा के लिए तुम ऐसा नहीं कर सकोगे । १. वध, २. बन्ध, ३. अंगच्छेद, ४. अतिभार-आरोपण, ५. भक्तपान- विच्छेद-ये पांचों कार्य तुम्हारे लिए आचरणीय नहीं होंगे । 'आनन्द! तुम सत्य का व्रत स्वीकार करना चाहते हो, पर तुम्हारा बहुत बड़ा कृषि का व्यवसाय है, परिवार है, जन-सम्पर्क है । उन सबके प्रति तुम्हारा व्यवहार प्रमत्त होगा तो तुम सत्य के व्रती नहीं बन सकते। तुम सत्यव्रती होने के नाते धरोहर को अस्वीकार नहीं करोगे, झूठी गवाही नहीं दोगे और पशु-भूमि आदि का गलत मूल्य नहीं बताओगे । 'सत्य - व्रत की अनुपालना के साथ-साथ तुम्हें उसकी आचार-संहिता का भी पालन करना होगा । सामाजिक लोग बिना सोचे-समझे किसी पर कलंक लगा देते हैं, संदेहवश दोषारोपण कर देते हैं, विश्वास के आधार पर कही हुई रहस्य की बात को प्रकाशित कर देते हैं, गलत परामर्श देते हैं और झूठा दस्तावेज बनाते हैं । ये सब सत्य - विरोधी व्यवहार हैं । सत्यव्रत की सुरक्षा के लिए तुम ऐसा नहीं कर सकोगे । १. सहसा, २. अभ्याख्यान, ३. स्वदारमन्त्रभेद, ४. मृषा उपदेश, ५. कूटलेख - ये पांचों कार्य तुम्हारे लिए अनाचरणीय होंगे। 'आनन्द! तुम आचौर्यव्रत स्वीकार करना चाहते हो, पर क्या तुमने इच्छा पर नियंत्रण किया है?' 'भंते! वह किया है इसलिए मैं इस व्रत को स्वीकार कर रहा हूं, अन्यथा मैं इसकी चर्चा ही नहीं करता । ' 'आनन्द ! तुम्हें इसकी आचार संहिता भी पालनी होगी। कुछ लोग स्वयं चोरी नहीं कर पाते, पर चोर की चुराई वस्तु को खरीद लेते हैं, चोर को चोरी करने के लिए प्रेरित करते हैं, विरोधी राज्य की सीमा का अतिक्रमण तथा झूठा तोल और झूठा माप करते हैं। असली वस्तु दिखाकर नकली वस्तु को बेचते हैं, मिलावट करते हैं । ये सब अनियंत्रित इच्छा के I Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003115
Book TitleBhagvana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages110
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Principle
File Size5 MB
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