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________________ २०/भगवान् महावीर प्रतीत होता। बाहर से देखने वालों के लिए वह बहुत बड़ी समस्या बन जाती। पर वर्द्धमान स्वयं में समस्याओं से अतीत था। अवस्था से शिशु, पर वृत्तियां अनासक्त । न खाने में रस, न पीने में रस, और न बाल सुलभ क्रीड़ा में रस। उसका आन्तरिक रस इतना प्रबल था कि दूसरों का रस रूप में प्रतीत होने वाली प्रवृत्तियां उसे रसहीन लगती थीं। यह विलक्षणता भावी जीवन का दिशासंकेत कर रही थी। अभय और पराक्रम जीवन की सफलता के दो विशाल स्तम्भ हैं-ज्ञान और शक्ति। शक्तिहीन-ज्ञान दयनीय और ज्ञानहीन शक्ति भयंकर होती है। दोनों का योग होने पर दोनों समर्थ और अभय बन जाते हैं। वर्द्धमान जितने ज्ञानी थे उतने ही शक्तिशाली। भय उनका स्पर्श भी नहीं कर पा रहा था। एक बार कुछ बच्चे आए। उन्होंने वर्द्धमान से 'आमलकी क्रीड़ा'२. नाम का खेल खेलने को कहा। वर्द्धमान उनकी बात मान गृह-उद्यान में गए। क्रीड़ा प्रारम्भ हुई। पीपल के पेड़ को लक्ष्य कर बच्चे दौड़ने लगे। वर्द्धमान सबसे आगे दौड़कर उस पेड़ पर चढ़ गए। वे वापस उतर रहे थे. इतने में देखा कि एक भयंकर सांप उसके तने से लिपटा हुआ है। उसकी फुफकार सुन बच्चे को पकड़ नीचे फेंक दिया। स्वयं नीचे उतर गये। बच्चों ने हर्षध्वनि की। वर्द्धमान विजयी हो गये। वर्द्धमान ने अभी आठ वर्ष पूरे नहीं किए थे। फिर भी उनके अभय और पराक्रम की गाथा हर क्षेत्र में गाई जाने लगी। वे क्षत्रीय कुल में जन्मे थे, इसलिए उनका क्षात्रतेज प्रकट हो रहा था। वे साधना का प्रखर बल लेकर जन्मे थे इसलिए उनका आत्मतेज प्रकट हो रहा था। उनकी तेजस्विता सबको प्रभावित कर रही थी। __ज्ञान भी पराक्रम का एक अंग है। पराक्रम-शून्य व्यक्ति ज्ञान अर्जित नहीं कर सकता और अज्ञानी व्यक्ति पराक्रम का उचित उपयोग नहीं १. आयारचूला १५/१५, १६ । २. यह खेल किसी एक वृक्ष को लक्ष्य कर खेला जाता है। इसे खेलने वाले लक्षित वृक्ष की ओर दौड़ते हैं। जो लड़का सबसे पहले उस पेड़ पर चढ़कर उतर जाता है वह हारे हुए लड़कों के कंधे पर बैठकर दौड़ प्रारम्भ करने के स्थान तक जाता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003115
Book TitleBhagvana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages110
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Principle
File Size5 MB
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